वन रैंक वन पेंशन पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला
संशोधन के बार तीन महीने के अंदर मिलेगा बकाया पैसा
एजेंसी
नई दिल्ली। सशस्त्र बलों में वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने रक्षा बलों में वन रैंक वन पेंशन योजना शुरू करने के तरीके को बरकरार रखा है।
अपने फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हमें ओआरओपी के अपनाए गए नियमों में कोई भी संवैधानिक खामी नहीं दिखी। इस कारण वहे केंद्र सरकार के तरीके को बरकरार रखती है। कोर्ट ने कहा कि समान रैंक वाले पेंशनभोगियों को समान पेंशन दी जानी चाहिए।
कोर्ट ने कहा कि जुलाई 2019 से पेंशन फिर से तय की जाएगी और हर 5 साल बाद संशोधित की जाएगी और 3 महीने के अंदर बकाये पैसे का भुगतान किया जाएगा। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने ये फैसला सुनाया। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा जिसके बाद इस पर फैसला सुनाया गया।
वन रैंक वन पेंशन की मांग को लेकर इंडियन एक्स सर्विसमेन मूवमेंट द्वारा याचिका दाखिल की गई थी, जिस पर यह फैसला आया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से उसके खर्चों का खाका कोर्ट में पेश करने के लिए कहा था कि क्या करियर को आगे बढ़ाने कि दिशा में कोई निर्देश जारी किये गये हैं।
दरअसल इंडियन एक्स-सर्विसमैन मूवमेंट ने सुप्रीम कोर्ट में रिटायर सैन्य कर्मचारियों को 5 साल में एक बार पेंशन की समीक्षा करने की नीति को चुनौती दी थी। वहीं केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के सामने ओआरओपी के पक्ष में अपनी दलीलें दी।