शुक्रवार, 8 अप्रैल 2022

बीमा क्लेम न देने पर करना पड़ा डेढ़ गुना भुुगतान

 बीमा क्लेम न देने पर करना पड़ा डेढ़ गुना भुुगतान



कम्पनी द्वारा राज्य उपभोक्ता आयोग से अपील खारिज होने पर उपभोक्ता को भुगतान 

संवाददाता

काशीपुर। बीमा कम्पनी द्वारा उत्तराखंड राज्य उपभोक्ता आयोग में की गयी अपील निरस्त होने के बाद उपभोक्ता को 8,56,785 रूपये का भुगतान जिला उपभोक्ता आयोग के माध्यम से किया हैै। इस मामले में बीमा कम्पनी को 5.74 लाख का बीमा क्लेम न देने पर 49.27 फीसद अधिक 2,82,785 रूपये का अतिरिक्त भुुगतान उपभोक्ता को करना पड़ा है। जिला उपभोक्ता आयोग उधमसिंह नगर ने बीमा कम्पनी द्वारा आदेश के अनुपालन मे जमा की गयी धनराशि 8,56,785 रूपये का भुगतान 30 मार्च को उपभोक्ता अखिलेश कुमार को दिया गया। 

अखिलेश कुमार की ओर से नदीम उद्दीन एडवोकेट ने जिला उपभोक्ता फोरम उधमसिंह नगर मेें परिवाद दायर करके कहा गया था कि परिवादी ने श्रीराम जनरल इश्योरेन्स कं0लि0 से 24,438 रूपये का प्रीमियम भुगतान करके अपनी कार यू0के0 06 एन 6838 का बीमा कराया। बीमा अवधि में कार ड्राइवर के घर से सामने से 29-12-2010 को चोरी होने पर पुलिस मेें रिपोर्ट दर्ज करायी गयी तथा बीमा एजेन्ट के बताये फोन नम्बरोें पर सूचना दी लेकिन जब बीमा कम्पनी के किसी अधिकारी या सर्वेयर ने कोई सम्पर्क नहीं किया तो डाक के माध्यम से सूचना दी। बीमा कम्पनी ने चोरी की सूचना 53 दिन देरी से देेने का आरोप लगाते हुये बीमा क्लेम निरस्त कर दिया। बीमा कम्पनी की ओर से तर्क दिया गया कि चोरी की लिखित सूचना पंजीकृत डाक से नहीं दी गयी है इसलिये यह मान्य नहीं है।

जिला उपभोक्ता फोरम के तत्कालीन अध्यक्ष हेतराम तथा सदस्या नरेश कुमारी छाबड़ा ने परिवादी के अधिवक्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट के तर्कों को सुनने के बाद निर्धारित किया कि बीमा कम्पनी द्वारा प्रस्तुत की गयी पालिसी की शर्तों में इस बात का उल्लेख नहीं है कि लिखित सूचना बीमा कम्पनी को कैसे दी जायेगी। जिसका तात्पर्य यह है कि इस शर्त में यह कहीं अंकित नहीं हैै कि ऐसी सूचना पंजीकृत डाक के माध्यम से बीमा कम्पनी को दी जायेगी। इसमें हम कोई ऐसा कारण नहीं पाते है कि यू0पी0सी0 द्वारा प्रेषित सूचना को अवैैध माना जाये या बीमा कम्पनी की शर्त का उल्लंघन माना जाये।

फोरम के निर्णय के अनुसार पुलिस रिपोर्ट से इस बात की पुष्टि होती है कि परिवादी का वाहन चोरी हुआ था। अतः परिवादी का दावा स्वीकार करने योग्य था। विपक्षी बीमा कम्पनी नेे बीमा दावा निरस्त करके सेवा में कमी की है। जिला उपभोक्ता फोरम ने वाहन की कीमत 575000 रूपये में से एक्सीस क्लाज के 1000 रूपये कम करते हुये परिवादी को 5,74000 की धनराशि प्राप्त करने का अधिकारी माना और इस धनराशि को 30 दिन के अन्दर 6 फीसद वार्षिक ब्याज की दर से परिवाद की तिथि से भुगतान की तिथि तक का ब्याज जोड़ते हुये फोरम में जमा करने तथा 5 हजार रूपये वाद व्यय भुगतान करने का आदेश बीमा कम्पनी को दिया।

बीमा कम्पनी ने इसके विरूद्व अपील संख्या 108/2015 राज्य उपभोक्ता आयोग उत्तराखंड को कर दी। राज्य उपभोक्ता आयोग के तत्कालीन सदस्य बलवीर प्रसाद व श्रीमति वीना शर्मा की पीठ ने अपने निर्णय से जिला फोरम के आदेश को सही तथा पूर्ण रूप से मेरिट के आधार पर माना औैर हस्तक्षेप से इंकार कर दिया। राज्य आयोग से राहत न मिलने पर बीमा कम्पनी ने ब्याज सहित धनराशि 8,56,785 रूपये जिला उपभोक्ता फोरम/आयोग में जमा करा दी। अब जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति होने के बाद सुचारू रूप से जिला आयोग चलने पर अध्यक्ष सुरेन्द्र पाल सिंह के आदेश से इसका भुगतान 30 मार्च को उपभोक्ता अखिलेश कुमार को कर दिया गया है।

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