उत्तराखंड के सभी नगर निगमों, पालिका क्षेत्रोें के सड़क-डेटा रजिस्टर बनाने के उत्तराखंड सूचना आयोेग के आदेश
सड़क, डेटा, रजिस्टर सम्बन्धी शासनादेश अवहेलना करने वाले अधिकारी, कर्मचारियों के विरूद्व कार्यवाही के भी आदेश
सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन की अपील पर सूचना आयुक्त विपिन चन्द्र का कड़ा आदेश
संवाददाता
देहरादून। उत्तराखंड सूचना आयोग ने उत्तराखंड के सभी नगर निगम, नगर पालिका क्षेत्रों में आने वाले मार्गों की सूची माप पुस्तिका में दर्ज कराने केे एवं सड़क डेेटा-रजिस्टर बनाकर स्थायी अभिलेख रखने का आदेेश उत्तराखंड शासन के सचिव शहरी विकास को दिया है। यह आदेश सूचना आयुक्त विपिन चन्द्र ने सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन की अपील सं0 33031 पर दिया हैै।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने काशीपुर नगर निगम के लोक सूचना अधिकारी से नगर निगम में लागू सम्पत्ति कर की दरों तथा नगर निगम क्षेत्र में मार्गों की चौड़ाई की सूचना 8 बिन्दुओं पर मांगी थी। जिसमें सम्पत्ति कर दरों सम्बन्धी आंशिक सूचना के अतिरिक्त अन्य सूचनायें नहीं उपलब्ध करानेे पर प्रथम अपीलीय अधिकारी/नगर आयुक्त को अपील की। जिनके सूचना उपलब्ध कराने के आदेश के बाद सूचना न उपलब्ध कराने पर उत्तराखंड सूचना आयोग में द्वितीय अपील की गयी। अपील के बाद लोक सूचना अधिकारी द्वारा सूचना धारित नहीं है लिखित करते हुये पत्र दिया लेकिन वांछित सूचना नहीं उपलब्ध करायी।
मई 2022 में हुई द्वितीय अपील सं0 33031 की सुनवाई में सूचना आयुक्त विपिन चन्द्र ने सड़कों की चौैड़ाई सम्बन्धी सूचनायें उपलब्ध न होने तथा सड़क डेटा-रजिस्टर न बनाने पर कड़ा रूख अपनाया। सूचना आयुक्त विपिन चन्द्र ने अपने निर्णय व आदेश दिनांक 09-05-22 में स्पष्ट लिखा कि अपीलार्थी द्वारा अनुरोध पत्र में मांगी गयी नगर निगम के क्षेत्रान्तर्गत विभिन्न चौैड़ाई के मार्गों की संख्या की सूचनायें किसी भी नगर निगम या शहरी विकास के कार्यों के लिये बहुत महत्वपूर्ण है, जिसकी उपलब्ध्ता होने पर सभी विकास कार्य जैसे सड़क निर्माण कार्य, जन सुविधयें देना आदि कार्य जनहित में सुचारू रूप से नगर निगम कर सकता हैै।
इस प्रकार के उपलब्ध आंकड़े सम्पत्ति कर निर्धरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे। यह अत्यन्त आश्चर्यजनक बात हैै कि नगर निगम द्वारा इस बात का अब तक ध्यान नहीं रखा गया हैै। अपीलार्थी द्वारा बताया गया हैै कि इस प्रकार के आंकड़े हरिद्वार-ऋषिकेश नगर निगमों में उपलब्ध है। इसकी सत्यता पर टिप्पणी करे बगैर यह कहना उचित होगा कि इस प्रकार के आंकड़े सभी शहरी क्षेत्रों में उपलब्ध होने चाहिये। यदि विभागीय अपीलीय अधिकारी अथवा लोक प्राधिकारी नगर क्षेत्र के सड़क डेट-रजिस्टर का निरीक्षण कर लेते तो उन्हें ज्ञात होता कि उनमें सूचना धारित हैै अथवा नहीं औैर यदि वांछित सूचना धारित नहीं थी तथा निगम के नियमों केे अनुसार सड़क डेटा/रजिस्टर रखना अनिवार्य था तो विभागीय अपीलीय अधिकारी को तुरन्त उक्त रजिस्टर बनाने के आदेश देने चाहिए थे, ऐसा न करके उन्होंने आयोग और अपीलार्थी दोेनों का समय बर्बाद किया हैै। अतः नगर निगम, काशीपुर को आदेशित किया जाता हैै कि वे निगम क्षेत्र से सम्बन्धित सभी सड़़क डेटा/रजिस्टर यथाशीघ्र तैयार करें ताकि आम नागरिक को इस प्रकार के आंकडे़ आसानी से उपलब्ध हो सके। साथ ही लोक सूचना अधिकारी को आदेशित किया जाता हैै कि अनुरोध पत्र के बिन्दु संख्या 4.1 की शेष सूचना अपीलार्थी को 10 दिन के भीतर उपलब्ध करायें तथा सड़क डेटा/रजिस्टर तैयार होते ही मांगी गयी सूचना अपीलार्थी को देना सुनिश्चित करें।
सूचना आयुक्त विपिन चन्द्र ने आदेश की एक प्रति सचिव शहरी विकास उत्तराखंड शासन देहरादून को इस आशय सेे प्रेषित की हैै कि यदि शासन द्वारा नगर निगम काशीपुर को सड़क डेटा/रजिस्टर रखने के शासनादेश पहले से ही जारी किये गये हैं तो काशीपुर नगर निगम के उन जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्व उचित कार्यवाही करना सुनिश्चित करें जिन्होंने उक्त शासनादेशों की अवहेलना की। यदि पूर्व में इस प्रकार के शासनादेेश नहीं दिये गये हैैं तो वे काशीपुर नगर निगम के साथ-साथ नगर निगम/नगर पालिका क्षेत्रों में आने वाले मार्गों की सूची, माप पुस्तिका में दर्ज कराने के एवं सड़क डेटा/रजिस्टर बनाकर स्थायी अभिलेख रखने के आदेश पारित करना सुनिश्चित करें, तथा अनुपालन आख्या से आयोग को भी अवगत कराये।