शनिवार, 17 अगस्त 2019

पंचायत चुनाव संशोधन कानून से 55 प्रतिशत से अधिक विवाहित नहीं लड़ सकेंगे चुनाव

पंचायत चुनाव संशोधन कानून से 55 प्रतिशत से अधिक विवाहित नहीं लड़ सकेंगे चुनाव

उत्तराखंड में 55 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण विवाहित महिलाओें के है दो से अधिक जीवित बच्चे

2011 की जनगणना आंकड़ों के अनुसार उत्तराखंड की ग्रामीण जनसंख्या वृद्धि दर राष्ट्रीय दर से कम

प०नि०संवाददाता

काशीपुर। संयुक्त राष्ट्र की विश्व जनसंख्या रिपोर्ट के अनुसार भारत की जनसंख्या स्थिर है औैर भारत अधिक जनसंख्या वृद्धि दर वाले देशों में शामिल नहीं रहा है। उत्तराखंड की ग्रामीण जनसंख्या वृद्धि दर भारत की जनसंख्या वृद्धि दर से भी कम है फिर भी पंचायत चुनाव में दो बच्चों से अधिक जीवित बच्चों के माता-पिता पर चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाकर उत्तराखंड में 55 प्रतिशत विवाहित ग्रामीण लोगों से उनका चुनाव लड़ने का लोकतांत्रिक अधिकार छीन लिया गया है।

जनसंख्या नियंत्रण राष्ट्र के लिये हानिकारक सहित 40 कानूनी व जागरूकता पुस्तकों के लेखक नदीम उद्दीन एडवोकेट ने भारत सरकार के जनगणना निदेशालय के उत्तराखंड के 2011 की जनगणना के आंकड़े प्रस्तुत करते हुये यह जानकारी दी। 

भारत की 2001-11 की ग्रामीण जनसंख्या वृद्धि दशकीय प्रतिशत दर 12.3 है जबकि उत्तराखंड की राष्ट्रीय दर से भी कम 11.5 प्रतिशत है। यह दर 1991-01 की दर की तुलना में भी 5 प्रतिशत कम है। 1991-01 की भारत की ग्रामीण जनसंख्या वृद्धि दर 19.2 रही है।  

नदीम के अनुसार जनगणना 2011 के आंकड़ों के अनुसार उत्तराखंड में सभी आयु वर्ग की कुल 49.48 लाख महिलायें है जिसमें से 55 प्रतिशत 27.32 लाख महिलायें ही विवाहित है। इन महिलाओें में 19.38 लाख महिलायें ग्रामीण है। इनमें 10 लाख 75 हजार 256 महिलाओें के दो से अधिक जीवित बच्चे हैं। यह ग्रामीण कुल विवाहित महिलाओें का 55 प्रतिशत है। यह महिलायें तथा इनके पति दो से अधिक बच्चे होने का आधार पर पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकते है।

नदीम के द्वारा प्रस्तुत उत्तराखंड के जनसंख्या आंकड़ों के अनुसार कुल ग्रामीण विवाहित महिलाओें में से 11 प्रतिशत महिलाओं का एक भी बच्चा नहीं है,ै जबकि 12 प्रतिशत महिलाओं के एक बच्चा तथा 21 प्रतिशत महिलाओं के दो बच्चे है, जबकि 21 प्रतिशत विवाहित महिलाओं के तीन बच्चे है तथा 16 प्रतिशत महिलाओं के चार जीवित बच्चे है तथा 18 प्रतिशत महिलाओं के पांच या अधिक जीवित बच्चे हैं।

ऐसा नहीं है कि किसी एक वर्ग या धर्म की ग्रामीण महिलाओें के ही अधिक बच्चे हैं। दो से अधिक बच्चों वाली कुल 10,75,256 विवाहित महिलाओं में 9,44,364 महिलायें हिन्दू, 1,03,014 महिलायें मुस्लिम, 24329 महिलायें सिक्ख, 1866 महिलायें ईसाई, 790 महिलाएं बौद्ध, 92 महिलायें जैन तथा 66 महिलायें अन्य धर्मों की है। 

उत्तराखंड की कुल 19 लाख 38 हजार 434 ग्रामीण विवाहित महिलाओं  में से 2,13,005 महिलाओं के कोई बच्चा नहीं है जिसमें 1,85,841 महिलायें हिन्दू 20158 महिलायें मुस्लिम, 5751 सिक्ख व 615 महिलायें ईसाई, 44 महिलायें जैन व 224 महिलायें बौद्ध धर्म की शामिल है। 

उत्तराखंड की कुल 2,37,998 विवाहित ग्रामीण महिलाऐं एक बच्चे वाली है जिसमें 2,11,310 महिलायें हिन्दू, 18,818 महिलायें मुस्लिम, 6604 महिलायें सिक्ख, 669 ईसाई महिलाएं शामिल हैं। दो बच्चे वाली 4,12,225 ग्रामीण विवाहित महिलाओं में 376401 महिलायें हिन्दू, 21740 महिलायें मुस्लिम, 12097 महिलायें सिक्ख व 1054 ईसाई शामिल है। तीन बच्चे वाली 4,13,229 ग्रामीण विवाहित महिलाओें में 3,78717 हिन्दू, 22356 मुस्लिम, 10470 सिक्ख तथा 776 ईसाई शामिल है।

4 बच्चे वाली विवाहित ग्रामीण 3,08,445 महिलाआें में 277,511 हिन्दू, 23143 मुस्लिम, 6834 सिक्ख व 489 ईसाई महिलायें शामिल है। पांच या अधिक बच्चे वाली 3,53,582 विवाहित ग्रामीण महिलाओं में 288136 महिलायें हिन्दू, 57335 मुस्लिम, 7025 सिक्ख व 601 ईसाई महिलायें शामिल है।

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