आयोग ने उद्यान निदेशक को लगायी फटकार: मोर्चा
- प्रदेश के हाई ब्रिड सब्जी व फूलों के बीज खरीद व वितरण का है मामला।
- प्रतिवर्ष खरीदा जाता है करोड़ों का बीज।
- सूचना आयुक्त ने की कड़ी चेतावनी जारी।
- उद्योग निदेशक को दोबारा से अपील सुनने व सूचना उपलब्ध कराने के निर्देश।
संवाददाता
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विकासनगर। संघर्ष मोर्चा के जिला मीडिया प्रभारी प्रवीनण शर्मा पीन्नी ने बयान जारी कर कहा कि माह मार्च 2019 में प्रवीण शर्मा पीन्नी द्वारा उद्यान खाद्य प्रसंस्करण विभाग से वर्ष 2016-17 से 2018-19 तक खरीदे गये हाई ब्रिड सब्जियों एवं फूलों के बीजों का ब्यौरा उपलब्ध कराने की माँग की गयी थी तथा ये भी मांग की गयी थी कि कितना बीज किसानों को वितरित किया गया। चूंकि मामला करोड़ों रूपये की खरीद का था, इसलिए मामले को छिपाने के उद्देश्य से आनाकानी की गयी। अपै्रल 2019 में उक्त मामले में विभागीय अपीलीय अधिकारी, निदेशक से कार्यवाही की माँग की गयी। हैरानी की बात यह है कि उक्त मामले में अपील, निदेशक स्तर से सुनी जानी थी, लेकिन संयुक्त निदेशेक ने ही अपील पर सुनवाई कर मामले को रफा-दफा करने के उद्देश्य से लोक सूचना अधिकारी की हाँ में हाँ मिला दी।
उक्त मामले से क्षुब्ध होकर मई 2019 में मा0 सूचना आयोग में अपील की गयी, जिन पर कार्यवाही करते हुए मा0 सूचना आयुक्त जे0पी0 मंमगई ने दिनांक 29.08.2019 को अपील पर आदेश पारित कर कहा कि निदेशक, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण स्वयं अपील पर पुनः सुनवाई करें तथा भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति होने पर इनके विरूद्व कार्यवाही अमल में लाये जाने हेतु उच्चाधिकारियों को संस्तुति प्रेषित की जायेगी।
उक्त मामले में महत्वपूर्ण यह है कि आयोग द्वारा विभागीय अपीलीय अधिकारी, संयुक्त निदेशक द्वारा सुनी गयी अपील को निरस्त किया गया तथा निदेशक व सांख्यिकी अधिकारी को सूचना उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिये गये।
इस प्रकरण से निश्चित तौर पर अधिकारियों एवं बिचैलियों पर मोर्चा शिकंजा कस सकेगा।
उक्त मामले से क्षुब्ध होकर मई 2019 में मा0 सूचना आयोग में अपील की गयी, जिन पर कार्यवाही करते हुए मा0 सूचना आयुक्त जे0पी0 मंमगई ने दिनांक 29.08.2019 को अपील पर आदेश पारित कर कहा कि निदेशक, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण स्वयं अपील पर पुनः सुनवाई करें तथा भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति होने पर इनके विरूद्व कार्यवाही अमल में लाये जाने हेतु उच्चाधिकारियों को संस्तुति प्रेषित की जायेगी।
उक्त मामले में महत्वपूर्ण यह है कि आयोग द्वारा विभागीय अपीलीय अधिकारी, संयुक्त निदेशक द्वारा सुनी गयी अपील को निरस्त किया गया तथा निदेशक व सांख्यिकी अधिकारी को सूचना उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिये गये।
इस प्रकरण से निश्चित तौर पर अधिकारियों एवं बिचैलियों पर मोर्चा शिकंजा कस सकेगा।