मंगलवार, 24 सितंबर 2019

ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) अब आधार कार्ड से होगा लिंक! 

ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) अब आधार कार्ड से होगा लिंक! 



एजेंसी
नई दिल्ली। ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) को आधार कार्ड से लिंक कराने के पीछे सरकार का मकसद है कि जालसाजों पर नकेल कसी जा सके। इसके अलावा फर्जी और डुप्लीकेट ड्राइविंग लाइसेंस बनाने वालों पर भी लगाम लगाया जा सकेगा।
देश भर में मोटर व्हीकल एक्ट की चर्चा है। ट्रैफिक नियमों का कड़ाई से पालन कराने के लिए सरकार ने बड़े बदलाव किए हैं। नियमों का उलंघन करने पर 10 गुना जुर्माना भी लगाया जा रहा है। अब सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर एक नई घोषणा की है। केंद्रीय आईटी और संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि ड्राइविंग लाइसेंस को आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा।
पटना में एक समारोह में रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि देश भर में ड्राइविंग लाइसेंस की जालसाजी पर लगाम लगाने के लिए अब ड्राइविंग लाइसेंस को आधार कार्ड से लिंक करना अनिवार्य होगा। उन्होनें कहा कि अगर आधार इसके लिए अनिवार्य कर दिया जाएगा तो डुप्लिकेट ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बनाया जा सकता है।
रविशंकर प्रसान ने कहा कि आधार कार्ड किसी भी तरह के भ्रष्टाचार की जांच में अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि आधार के माध्यम से डिजिटल पहचान के कारण सरकारी खजाने में एक लाख 47 हजार 677 करोड़ रुपये की बचत हुई है। फिलहाल अभी इस बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की गई है कि किस तरह से आप अपने ड्राइविंग लाइसेंस को आधार कार्ड से लिंक कर सकते हैं।
बीते दिनों नए ट्रैफिक नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। जिसके तहत बिना ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) के ड्राइविंग करने पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा शराब पीकर वाहन चलाने पर 10,000 रुपये का जुर्माना, वहीं मानसिक या शारीरिक रूप से अनफिट होने के बावजूद ड्राइविंग करने पर 1,000 रुपये का जुर्माना देने का नियम बनाया गया है।
सरकार का मानना है कि आधार कार्ड की अनिवार्यता के चलते देश भर में तकरीबन हर नागरिक के पास आधार कार्ड है। उक्त व्यक्ति की व्यक्तिगत पहचान जैसे बायोमैट्रिक इत्यादि का पूरा डाटा भी सरकार के पास रहता है। ऐसे में इसे ड्राइविंग लाइसेंस से लिंक करने के बाद एक व्यक्ति डुप्लीकेट लाइसेंस या फिर किसी तरह का फर्जी डीएल नहीं बनवा सकता है।
इससे सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि किसी भी आपात स्थिति या दुर्घटना इत्यादि के मामले में आरोपी की तत्काल पहचान की जा सकेगी। इसके अलावा उसके ड्राइविंग लाइसेंस या आधार कार्ड के चलते उस तक आसानी से पहुंचा भी जा सकेगा और पुलिस उपयुक्त कार्यवाही को अंजाम दे सकेगी। इस समय देश में कई ऐसे वाहन चालक हैं जिनके पास फर्जी और डुप्लीकेट ड्राइविंग लाइसेंस हैं। इसके अलावा सरकार पूरे देश में एक ड्राइविंग लाइसेंस को जारी करने की योजना पर भी तेजी से काम कर रही है।


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