शनिवार, 12 अक्तूबर 2019

अमेरिका चाहता है इस मछली का खात्मा

अमेरिका चाहता है इस मछली का खात्मा



यह जमीन पर 4 दिन त‍क रह सकती है जिंदा
एजेंसी
न्यूयार्क। सांप जैसे मुंह वाली यह मछली अमेरिका के जॉर्जिया में पाई गई है। अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक सांप जैसी मुंह के आकार की यह मछली जिस भी जल स्रोत में रहती है, वहां का पारिस्थितिकी तंत्र नष्‍ट कर देती है।
अमेरिका के जॉर्जिया में इस महीने की शुरुआत में एक अनोखी मछली पाई गई है। सांप जैसी दिखने वाली यह मछली पूरे चार दिन तक पानी से दूर जमीन पर जीवित रह सकती है। साथ ही यह जमीन पर आवाजाही भी कर सकती है। जॉर्जिया डिपार्टमेंट ऑफ नेचुरल रिसोर्सेज़ के वाइल्‍डलाइफ रिसोर्सेज़ डिवीजन के अनुसार इसे जॉर्जिया के ग्विनेट काउंटी पॉन्‍ड से पकड़ा गया है। यह पहला मौका है जब यह मछली जॉर्जिया के किसी जलस्रोत में मिली है। हालांकि जमीन पर जीवित रहने की इसकी अनोखी क्षमता के बावजूद अमरिका इसे मारना चाहता है। जॉर्जिया प्रांत के अधिकारी नहीं चाहते कि यह मछली वहां जीवित रहे।
दरअसल अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक सांप जैसी मुंह के आकार की यह मछली जिस भी जल स्रोत में रहती है, वहां का पारिस्थितिकी तंत्र नष्‍ट कर देती है। इस मछली के कारण साथ में रहने वाले अन्‍य जल जीवों पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। अगर इसकी आबादी तेजी से बढ़ जाती है तो इससे पारिस्थितिकी तंत्र और फूड वेब पर सर्वाधिक नकारात्‍मक असर पड़ता है। यह मछली इसके साथ रहने वाली अन्‍य मछलियों को खाती है। रिपोर्टों के अनुसार जमीन में रहते हुए इसके द्वारा चूहे खाने की भी बातें सामने आई हैं।
मछली से इस खतरे के कारण ही जॉर्जिया के वन्‍यजीव अधिकारी इसे यहां पनपने से रोकना चाहते है। अब व‍ह यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि क्‍या इस मछली की प्रजाति ने जॉर्जिया के ग्विनेट काउंटी पॉन्‍ड के अलावा भी कहीं पहुंच बनाई है या नहीं। डिपार्टमेंट में लोगों से भी कहा है कि वह यह सीख लें कि इस मछली को कैसे पहचानना है, कैसे मारना है और कैसे इसकी तस्‍वीर लेकर डिपार्टमेंट को देनी है। यह मछली 3 फीट तक बड़ी और 8 किलोग्राम के अधिक वजनी हो सकती है। इसके शरीर में फेफड़े की तरह खास लैडर नामक अंग होता है जिसके जरिये इसे सांस लेने में आसानी होती है इसी के कारण यह एक जलस्रोत से निकलकर दूसरे जलस्रोत तक जमीन के रास्‍ते जा सकती है। यह 4 दिन तक बिना पानी में रहे जमीन पर जीवित रह सकती है। सूखे की स्थिति में यह कीचड़ में भी जीवित रह सकती है। आमतौर पर यह मछली पूर्वी एशिया की प्रजाति है। इसे 2002 के पहले तक बाजार में खाने के लिए भी बेचा जाता था लेकिन उसी साल अमेरिका ने इसे खतरनाक वन्‍यजीव घोषित किया था।


यह मछली 3 फीट तक बड़ी और 8 किलोग्राम के अधिक वजनी हो सकती है। इसके शरीर में फेफड़े की तरह खास लैडर नामक अंग होता है। जिसके जरिये इसे सांस लेने में आसानी होती है। इसी के कारण यह एक जलस्रोत से निकलकर दूसरे जलस्रोत तक जमीन के रास्‍ते जा सकती है। यह 4 दिन तक बिना पानी में रहे जमीन पर जीवित रह सकती है। सूखे की स्थिति में यह कीचड़ में भी जीवित रह सकती है। आमतौर पर यह मछली पूर्वी एशिया की प्रजाति है। इसे 2002 के पहले तक बाजार में खाने के लिए भी बेचा जाता था। लेकिन उसी साल अमेरिका ने इसे खतरनाक वन्‍यजीव घोषित किया था।
यह मछली 3 फीट तक बड़ी और 8 किलोग्राम के अधिक वजनी हो सकती है। इसके शरीर में फेफड़े की तरह खास लैडर नामक अंग होता है। जिसके जरिये इसे सांस लेने में आसानी होती है। इसी के कारण यह एक जलस्रोत से निकलकर दूसरे जलस्रोत तक जमीन के रास्‍ते जा सकती है। यह 4 दिन तक बिना पानी में रहे जमीन पर जीवित रह सकती है। सूखे की स्थिति में यह कीचड़ में भी जीवित रह सकती है। आमतौर पर यह मछली पूर्वी एशिया की प्रजाति है। इसे 2002 के पहले तक बाजार में खाने के लिए भी बेचा जाता था। लेकिन उसी साल अमेरिका ने इसे खतरनाक वन्‍यजीव घोषित किया था।


 


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