शुक्रवार, 25 अक्तूबर 2019

वन महकमे के फील्ड कर्मचारियों को सुरक्षा इंतजामों से लैस करे सरकारः मोर्चा          

वन महकमे के फील्ड कर्मचारियों को सुरक्षा इंतजामों से लैस करे सरकारः मोर्चा  


       
- वन बीट अधिकारी व वन दारोगाओं के पास नहीं है सुरक्षा के नाम पर लाठी
- जान जोखिम में डालकर करते हैं वनों की सुरक्षा, जोखिम भत्ता तक की व्यवस्था नहीं 
- वन तस्करों, खनन माफियाओं व जंगली जानवरों से पड़ता है जूझना 
- सांप, लंगूर, बंदर, बाघ व जंगली जानवरों को पकड़ने का भी है जिम्मा 
- चौबीसों घंटे ड्यूटी के उपरांत भी नहीं मिलता अतिरिक्त पारिश्रमिक
- कर्मचारियों की मांगों को लेकर मोर्चा शीघ्र देगा शासन में दस्तक
संवाददाता
विकासनगर। मोर्चा कार्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि सरकारी विभागों की  बदइंतजामी तथा अदूरदर्शिता का इससे  बड़ा हास्यास्पद तथा खतरनाक पहलू क्या होगा कि प्रदेश में वनों को बचाने के लिए तैनात वन बीट अधिकारी व वन दरोगा के पास सुरक्षा के नाम पर हथियार मुहैया कराना तो दूर लाठी तक की व्यवस्था नहीं की गई है।
नेगी ने कहा कि 5-10 हजार हेक्टेयर तक  के जंगल को वन तस्करों, खनन माफियाओं व जंगली जानवरों से बचाने का जिम्मा एक वन बीट अधिकारी के कंधे पर है जोकि दिन-रात जंगलों में गस्त करके वनों की कई प्रकार से रक्षा करते हैं तथा रात्रि के समय  घनघोर जंगलों में भी गस्त करते हैं। 
नेगी ने  हैरानी जताई  कि कई बार वन कर्मचारी व आमजन इन जंगली जानवरों का शिकार  होते हैं, लेकिन पुख्ता सुरक्षा इंतजामों की कमी के चलते इनको अपनी जान से हाथ धोना पड़ा पड़ता है। इसके साथ-साथ वन रक्षकों को सांप, लंगूर, बंदर व उत्पाती जानवरों को पकड़ने का भी जिम्मा है, लेकिन इंतजाम के नाम पर कुछ भी नहीं है। मोर्चा शीघ्र ही वन रक्षकों की सुरक्षा हेतु पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था व इनको जोखिम भत्ता आदि की मांग को लेकर शासन में दस्तक देगा।
पत्रकार वार्ता में दिलबाग सिंह, प्रदीप कुमार, सुशील भारद्वाज मौजूद रहे।


माईगव हेल्पडेस्क पर डिजिलाकर सेवाओं का उपयोग

  माईगव हेल्पडेस्क पर डिजिलाकर सेवाओं का उपयोग व्हाट्सएप उपयोगकर्ता $91 9013151515 पर केवल नमस्ते या हाय या डिजिलाकर भेजकर कर सकते है चैटबाट...