शनिवार, 23 नवंबर 2019

आबकारी का राजस्व आखिर खपाया कहां जा रहाः मोर्चा 

आबकारी का राजस्व आखिर खपाया कहां जा रहाः मोर्चा 



- वर्ष 2017-18 में लक्ष्य था 2310 करोड़, प्राप्त हुआ 2262 करोड़ राजस्व 
- वर्ष 2018-19 में लक्ष्य था 2650 करोड़, प्राप्त हुआ 2872 करोड़ राजस्व 
- प्रतिवर्ष हजारों करोड रूपया लिया जा रहा बाजारू कर्ज के रूप में 
- प्रदेश में विकास का पहिया है बिल्कुल जाम
संवाददाता
विकासनगर। मोर्चा कार्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा प्रदेश का विकास कार्य धनाभाव के कारण बिल्कुल ठप्प पड़ा है, जबकि आबकारी (शराब ) से मिलने वाला राजस्व लक्ष्य के सापेक्ष लगभग बराबर तथा अधिक प्राप्त हो रहा है।
नेगी ने कहा कि आबकारी विभाग द्वारा वर्ष 2017- 18 में 2310 करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया था तथा उसके सापेक्ष 2262 करोड़ राजस्व प्राप्त हुआ। इसी प्रकार वर्ष 2018-19 में 2650 करोड़ के सापेक्ष 2871.75 करोड प्राप्त हुआ यानी लक्ष्य के सापेक्ष 221.75 करोड़ ज्यादा प्राप्त हुआ। नेगी ने कहा कि बड़ी हैरानी की बात है कि लक्ष्य के बराबर व अधिक राजस्व प्राप्त होने के बावजूद सरकार प्रतिवर्ष 6000- 7000 करोड़ बाजारू कर्ज ले रही है, जोकि धरातल पर कहीं दिखाई नहीं दे रहा और न ही इस राजस्व का पता लग पा रहा है। आखिर राजस्व कहां खपाया जा रहा है! 
पत्रकार वार्ता में मोहम्मद असद, प्रवीण शर्मा पिन्नी आदि मौजूद थे।


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