मंगलवार, 12 नवंबर 2019

सोमालिया में गैर-इस्लामी समोसा!

सोमालिया में गैर-इस्लामी समोसा!



दुनिया भर में खाने की यह चीजें भी बैन
एजेंसी
नई दिल्ली। जिस समोसे को हमारे देश में बड़े चाव से खाया जाता हैं उसपर सोमालिया में प्रतिबंध् है। महज इसलिए समोसा यहां बैन है कि यह तिकोना होने की वजह से ईसाइयत का प्रतीक माना जाता है। इस वजह से एक आतंकी समूह अल शबाब उसको गैर इस्लामी मानता है। इसलिए उसने समोसे को बैन कर दिया है।
सोमालिया में समोसे पर रोक है। दरअसल वहां का आतंकी समूह अल शबाब मानता है कि समोसा तिकोना होने की वजह से ईसाइयत का प्रतीक है। इसलिए वर्ष 2011 से सोमालिया में समोसे पर बैन है।
वहीं फ्रांस में सरकार ने साल 2011 से टमैटो केचअप पर रोक लगा दी। अमेरिका में किंडर एग्स पर रोक है। वहां 1938 में ऐसी सभी कैंडीज पर रोक लगा दी गई थी जिसमें अपोषक चीजें भरी होती हैं। वहां साफ-सफाई को ध्यान में रखते हुए सभी प्रकार के चुइंगम पर रोक है।
यूके और यूरोपीय यूनियन के बाकी देशों में जेली मिनि कप्स पर रोक है। दरअसल इसमें ई-425 नाम का कॉन्टेंट पाया जाता है जिसकी वजह से यह बैन है। बच्चे और बड़े लोगों का इससे गला चोक होने का डर रहता है। इटली और कई यूरोपीय देशों में घोड़े का मांस बड़े चाव से खाया जाता है लेकिन अमेरिका और इंग्लैंड में इस पर रोक है।
कनाडा और अमेरिका के 22 राज्यों में गैर पाश्चरीकृत दूध और सभी प्रकार के गैर पाश्चरीकृत डेयरी प्रॉडक्ट्स पर रोक है। इसका वास्तविक कारण इसमें मौजूद रोगाणु होते हैं जिसकी वजह से ई-कोली और फूड पॉइजनिंग हो सकता है।
स्कॉटलैंड में स्कॉच के बाद कोई चीज मनपसंद होती है तो वह है हैगिस। इस पर अमेरिका में 40 से ज्यादा सालों से रोक है। इसके खिलाफ सख्त कानून है। यह भेड़ के दिल, कलेजी और फेफड़े से बनाया जाता है। इसमें कई तरह के मसाले मिलाए जाते हैं।
ज्यादातर यूरोपीय देशों, अमेरिका और यूके में हंस की कलेजी से बने व्यंजन पर रोक है। ऐसा माना जाता है कि इसको बनाने के लिए हंस के साथ क्रूरता की जाती है, इसलिए ऐसे लग्जरी खाने का सेवन अमानवीय हरकत है।


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