शुक्रवार, 13 दिसंबर 2019

चित्रशिला घाट में गंदगी का अंबार

चित्रशिला घाट में गंदगी का अंबार



प्रदूषित हो रहा गोला नदी का पानी
संवाददाता
नैनीताल। कुमाऊ का प्रमुख धार्मिक स्थल रानी बाग चित्रशिला घाट का भगवान ही मालिक है। हालात ऐसे हैं कि जहां सौदा करना पुण्य माना जाता है, वहां जगह-जगह कफन के कपड़े, दवाइयां फैली पड़ी है। नदी में दूर-दूर तक अजली लकड़ियों का ढेर लगा है। खुले में बिक्री दवाइयां, इंजेक्शन आदि नदी के पानी में घुल रही है, जिस कारण गोला नदी का पानी पीने वाली जनता की सेहत पर भी विपरीत असर पड़ने की संभावना बनी हुई है।
क्षेत्र के समाजसेवी दीपक नौगाई बताते हैं कि घाट में हर रोज 6 से 8 शवों को जलाया जाता है। तराई भावर से पहाड़ के लोग दाह संस्कार के अलावा कई अन्य कर्मकांड करने के लिए यहां पहुंचते हैं। लेकिन घाट की सफाई के पुख्ता इंतजाम नहीं है। लोग शव के साथ कपड़े, बिस्तर दवाइयां आदि लेकर आते हैं और घाट में फेंक जाते हैं।



दवाइयां नदी में डालने से पानी बेहद प्रदूषित हो जाता है जिससे पीलिया, टाइफाइड व पेट संबंधी बीमारियां होने का खतरा रहता है। इसके अलावा बीमार लोगों के कपड़े खुले में डालना भी खतरनाक है। ऐसे कपड़ों से बैक्टीरिया फैलने का अंदेशा रहता है।
नौगाई कहते हैं कि चित्रशिला घाट की स्वच्छता को बनाए रखने और नदी को प्रदूषित होने से बचाना है तो यहां जल्द से जल्द विद्युत शवदाह गृह बनाया जाना चाहिए। शवदाह हेतु टाल में कच्ची लकड़ियां रखी हैं। लोगों को पेट्रोल, डीजल और लीसा डालकर शवदाह करना पड़ रहा है।


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