यदि देशभर में लागू हुआ एनआरसी तो तैयार रखें यह दस्तावेज
एनआरसी में शामिल होने के लिए यह दस्तावेज होने चाहिए
प0नि0डेस्क
देहरादून। असम में एनआरसी की प्रक्रिया चल रही है। लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि मोदी सरकार देश में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लेकर जरूर आएगी और जब एनआरसी की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तो देश में एक भी अवैध घुसपैठिया नहीं रह जाएगा। अगर ये देशभर में लागू होता है तो आपको भारतीय नागरिकता को सिद्ध करने के लिए कुछ दस्तावेजों की जरूरत होगी।
जो हिन्दू, बौद्ध, सिख, पारसी, इसाई और जैन पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना के शिकार हैं और इस हालत में वे भारत आते हैं तो शरणार्थी कहलाएंगे, ऐसे लोगों को नागरिकता संशोधन के तहत भारत की नागरिकता दी जाएगी। जबकि वे लोग जो बांग्लादेश की सीमा से भारत में घुसते हैं, चोरी-छुपे आते हैं, वे घुसपैठिए कहे जाएंगे।
अगर कोई अपने आपको भारत का नागरिक सिद्ध करना चाहता है तो उन्हें इन दस्तावेजों की जरूरत होगी। ये सभी दस्तावेज 1951 से पहले के होने चाहिए। एनआरसी लागू होने के बाद आपके पास 1951 से पहले का निवास प्रमाण, भूमि संबंधी कागजात और किरायेदार रिकॉर्ड, पासपोर्ट, एलआईसी पॉलिसी और एजुकेशनल सर्टिफिकेट्स डॉक्युमेंट्स की जरूरत है।
25 मार्च 1971 से पहले असम में रहने वाले लोग असम के नागरिक माने जाएंगे। एनआरसी के लिए दो लिस्ट बनाई गई है- लिस्ट ए और लिस्ट बी। लिस्ट ए में जो नागरिक आते हैं उन्हें अपने कागजातों को जमा करना है। वहीं लिस्ट बी में आने वाले लोगों को असम में अपने पूर्वजों से संबंधित डॉक्युमेंट्स को जमा करने हैं।
लिस्ट ए में मांगे गए मुख्य दस्तावेज इस प्रकार हैं-
25 मार्च 1971 तक इलेक्ट्रोल रोल, 1951 का एनआरसी, किरायेदारी के रिकॉर्ड, सिटीजनशिप सर्टिफिकेट, रेजिडेंट सर्टिफिकेट, पासपोर्ट, बैंक और एलआईसी डॉक्युमेंट्स, परमानेंट रेजिडेंट सर्टिफिकेट, एजुकेशन सर्टिफिकेट एंड कोर्ट ऑर्डर रिकॉर्ड, रिफ्यूजी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट।
लिस्ट बी में शामिल मुख्य दस्तावजे-
लैंड डॉक्युमेंट्स, बोर्ड यूनिवर्सिटी सर्टिफिकेट, बर्थ सर्टिफिकेट, बैंक, पोस्ट ऑफिश्यिल सर्टिफिकेट, राशन कार्ड, वोटर लिस्ट में नाम, कानूनी रूप से स्वीकार्य अन्य डॉक्युमेंट्स।