भारत में जल्द हाईस्पीड 5जी का आनंद
इंटरनेट की स्पीड होगी 1 गीगाबाइट!
एजेंसी
बेंगलुरू। सूचना क्रांति में तेजी से आए बदलाव के लिए 4जी नेटवर्क का बड़ा योगदान माना जाता है, लेकिन जल्द ही 5जी नेटवर्क भारत में दस्तक देने वाली है, जिससे इंटरनेट की दुनिया को नया आयाम मिलना तय है। 4जी नेटवर्क की तुलना में 5जी नेटवर्क की स्पीड 45 गुना तेज हैं, जिससे ढ़ाई घंटे की एक हाई क्वालिटी फिल्म को एक सेकेंड में डाउनलोड किया जा सकेगा।
5जी नेटवर्क कई देशों में लांच हो चुका हैं। इनमें प्रमुख रूप से चीन, दक्षिण कोरिया, अमेरिका और ब्रिटेन का नाम शामिल हैं। इसके अलावा कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, हांगकांग, स्पेन, स्वीडन, कतर और यूएई ने 5जी को शुरू करने को लेकर आधिकारिक घोषणा कर दी है।
गौरतलब है भारतीय दूर संचार विभाग ने 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी की तैयारी कर रहा है और विभाग ने नीलामी कराने वाली कंपनी के चयन के लिए टेंडर जारी कर दिया है। बताया जा रहा है कि नीलामी कराने वाली कंपनियां 13 जनवरी तक आवेदन कर सकेंगी जबकि 28 जनवरी तक कंपनी का चयन पूरा कर लिया जाएगा।
उसमें कंपनियां 13 जनवरी तक आवेदन कर सकती है। 24 जनवरी को कंपनियों की बोलियां खुलेंगी और 28 जनवरी तक कंपनी के चयन की प्रकिया पूरी होगी। बताया जाता है कि नीलामीकर्ता कंपनी का चयन 3 साल के लिए होगा। 5ळ स्पेक्ट्रम समेत 9 स्पेक्ट्रम बैंड्स की नीलामी होगी। सभी 22 सर्किल में स्पेक्ट्रम नीलामी करानी होगी। 19 दिसंबर को विभाग नीलामीकर्ता कंपनियों से साथ बैठक करेगा।
अभी हाल ही में चीन ने अपने 50 शहरों में 5जी की सेवा शुरू की है। चीन की तीन बड़ी सरकारी टेलीकॉम कंपनियों ने 5जी सेवा शुरू किया है। चीन के जिन 50 शहरों में 5जी सेवा की शुरुआत की गई है, उनमें बीजिंग, शंघाई, शेंजेन जैसे शहर शामिल हैं। बताया जा रहा है कि चीन में 5जी इंटरनेट पैक की शुरुआती कीमत 128 युआन यानी करीब 1,290 रुपए रखी गई है।
यह तय माना जा सकता है कि हाई स्पीड इंटरनेट के लिए लोगों को अपनी जेबें ढीली करने के लिए अभी से तैयार हो जाना चाहिए। हालांकि 5जी नेवटर्क में हाईस्पीड इंटरनेट की गारंटी जरूर मिलेगी। भारत में 5जी सेवा अगले साल ही शुरू हो सकती है। 5वीं जनरेशन नेटवर्क से डेटा स्पीड कई गुना बढ़ जाती है। 5जी नेटवर्क के जरिए डेटा 4 जी की तुलना में 250 गुना अधिक स्पीड से ट्रैवल कर सकता है।
5जी नेटवर्क से इंटरनेट की स्पीड बढ़ने से न सिर्फ जिंदगी आसान होगी बल्कि समय की भी बचत होगी। वर्तमान समय में कोई भी एचडी (हाईडेफिनेशन) क्वालिटी की फिल्म डाउनलोड करने में थोड़ा समय लगता है , लेकिन 5जी आने के बाद किसी भी काम को चंद सेकेंड में किया जा सकेगा। 5जी नेटवर्क का प्रसार होने के बाद रेडियोफ्रीक्वेंसी (आरएफ) विकिरण के संपर्क में आने से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव हो सकता है। 5जी नेटवर्क के शुरू होने पर देश में मोबाइल टावरों की संख्या बढ़ेगी। चूंकि आरएफ सिग्नल की ताकत बहुत ज्यादा होती है। ऐसे में विकिरण से स्वास्थ्य खराब होने की आशंका भी है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक नियामक प्राधिकरणों द्वारा निर्धारित सुरक्षा के मानकों का पालन होता रहेगा तब तक आरएफ से डरने की जरूरत नहीं है।
भारत सरकार ने देश में 5जी ट्रायल के लिए आईआईटी चेन्नई में टेस्ट बेड बनाया है जबकि चीनी कंपनी हुवावे की कंपीटिटर एरिक्सन ने भी आईआईटी दिल्ली में टेस्ट बेड बनाया है। हुवावे ने कहा है कि अगर सरकार ने उसे जल्द इजाजत दे दी तो वह भी 5जी ट्रायल के लिए अपना लैब बनाएगा, लेकिन चीनी कंपनी हुवावे के विरोधियों का कहना है कि 5 जी नेटवर्क इक्विपमेंट में चीनी वेंडर भारत की सुरक्षा के लिए लिए गंभीर खतरा बना सकते हैं, क्योंकि चीन के कानून के मुताबिक ऐसी कंपनियों को वहां की सरकार से जानकारी साझा करना जरूरी हैं। हालांकि हुवावे ने भारत की आंशका को निराधार बताया है।
जिस तरह बुलेट ट्रेन के लिए पूरी तरह अलग ट्रैक बनाने की जरूरत होती है, उसी तरह 5जी तकनीक के लिए भी खास इंतजाम करने होते हैं। इसके लिए 80 फीसदी मोबाइल टावर को ऑप्टिकल फाइबर से लैस करने की जरूरत होती है, जबकि अभी देश में मात्र 15 फीसदी टावर इस तकनीक से जुड़े हैं। इंडस्ट्री के मुताबिक, अभी जो स्थिति है, उसमें 5जी तकनीक आने में दो-तीन साल लग सकते हैं। जानकारों का कहना है कि जब 4जी तकनीक ही पूरे देश में अपने पैमानों पर खरी नहीं उतर रही, ऐसे में 5जी की बात करना जल्दबाजी ही है। एक सर्वे में आया भी है कि 4जी सर्विस पूरे विश्व में सबसे धीमी भारत में रही है।
दूर संचार विभाग का कहना है कि 5जी जैसी तकनीक देश में आए, इसे देखते हुए ही नई टेलिकॉम नीति बनाई गई है, जिसे केंद्र सरकार ने पिछले साल ही मंजूरी भी दे दी थी। प्रस्तावित नीति में टेलिकॉम सेक्टर में लाइसेंसिंग और फ्रेमवर्क, सभी के लिए कनेक्टिविटी, सेवाओं की गुणवत्ता, व्यापार करने में आसानी और नई तकनीक पर जोर जैसे 5जी और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) जैसी चीजें शामिल हैं।
5जी से तकनीक में नई क्रांति आएगी। इसे 4जी तकनीक से कई गुना तेज माना जाता है। इस तकनीक के उपयोग में आने के बाद दैनिक जरूरतों से जुड़ी तकनीकी सुविधाएं भी हाइटेक होने की उम्मीद है। इसकी इंटरनेट स्पीड चौथी जनरेशन से 10 से 20 गुना ज्यादा होगी।