बुधवार, 29 जनवरी 2020

पांच टेस्ट हर महिला के लिए जरूरी 

पांच टेस्ट हर महिला के लिए जरूरी 



प0नि0डेस्क
देहरादून। जब बात सेहत की आती है तो कहा जाता है कि महिलाएं अपनी सेहत को बिल्कुल भी गंभीरता से नहीं लेतीं। पूरे परिवार के खाने-पीने, उनकी सेहत का ध्यान रखने वाली औरतें अपना ही ध्यान नहीं रखतीं। तब तक डाक्टर के पास नहीं जातीं जब तक बीमारी दस्तक न दे दें। जब तक बुखार न पकड़ ले, चक्कर खाकर गिर न जाएं तब तक उन्हें पता ही नहीं होता है कि वे एनीमिक हैं या नहीं, विटामिन डी या कैल्शियम सही मात्रा में हैं या नहीं। जबकि किसी भी महिला के लिए इनकी जानकारी होना बेहद जरूरी है।
हर महिला को जानना चाहिये कि वो पांच टेस्ट्स कौन से है जिसे करवाना उनके लिए जरूरी माना जाता है।
एनीमिया का टेस्ट- एनीमिया में खून में लाल रक्त कणिका की कमी होती है। लाल रक्त कणिका ही शरीर के सारे हिस्सों तक आक्सीजन पहुंचाते हैं। महिलाओं को एनीमिया का खतरा रहता है। क्योंकि उनमें आयरन की कमी रहती है। इसके पीछे कारण है पीरियड्स के दौरान होने वाली रक्त की क्षति।
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक पिछले 50 सालों से सरकार एनीमीया से निपटने के लिए अलग-अलग प्रोग्राम बना रही है। फिर भी 2016 में पता चला कि भारत में 50.4 फीसदी औरतें एनीमिक हैं। इसलिए जरूरी है कि एनीमिया का टेस्ट करवाएं। इसके लिए ब्लड टेस्ट करवाना होगा। इस टेस्ट को करवाने की कीमत साढ़े पांच सौ से हजार के बीच है।
विटामिन डी का टेस्ट- शरीर में विटामिन डी की कमी से हड्ढियां कमजोर होने लगती हैं। साथ ही पीसीओएस का खतरा भी बना रहता है। यानी ओवरीज में गाठें बन जाती है। इससे न सिर्फ पीरियड्स समय पर नहीं होते, पर और भी शारीरिक दिक्कतें होती हैं। जैसे कि पेट में दर्द, मूड खराब रहना, वेट गेन करना, स्किन पर दाने निकलने, मां बनने में दिक्कत आना वगैरह। इन सबके अलावा हड्ढियां के आसानी से टूटने का ख़तरा भी बना रहता है। मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। दिनभर थकान रहती है। शरीर में विटामिन डी की कमी होने के पीछे खराब डाइट भी एक बड़ी वजह है। इसको जांचने के लिए 25-हाइड्रोक्सी विटामिन डी ब्लड टेस्ट करवाना चाहिए। इसकी कीमत 1250 रुपए है।
कैल्शियम की कमी- समय के साथ औरतों की हड्ढियां कमजोर पड़ने लगती है। ओस्टोपोरोसिस की शिकायत होती है। यानी कमजोर हड्ढियां जो वजन नहीं झेल पातीं। हड्ढियों में दर्द भी रहता है। इसलिए जरूरी है कि खाने में पर्याप्त कैल्शियम लिया जाये। औरतों को तब तक नहीं पता चलता कि उनमें कैल्शियम की कमी है जब तक उनकी हड्ढियां नहीं टूटतीं। साल में एक बार वो ब्लड टेस्ट जरूर करवाएं। इस टेस्ट में उनके खून में कैल्शियम का लेवल पता चलता है। ये टेस्ट 170 से 200 रुपए में करवा सकती हैं।
पैप स्मीयर टेस्ट- पैप स्मियर को पैप टेस्ट भी कहा जाता है। इसमें सर्विक्स से सेल्स इकट्ठे किए जाते हैं। सर्विक्स गर्भाशय का निचला और पतला हिस्सा होता है। ये वजाइना के ठीक ऊपर होता है। पैप टेस्ट में एक लकड़ीनुमा चम्मच से सेल्स को इकट्ठा किया जाता है। पैप स्मियर से सर्वाइकल कैंसर के बारे में पता लगाया जाता है। सर्विक्स से लिए गए सेल्स की जांच की जाती है कि कहीं इनमें कैंसर सेल्स तो नहीं हैं। कैंसर सेल्स यानी वो सेल्स जिनकी वजह से कैंसर होता है या आगे हो सकता है। 
डाक्टरों के हिसाब से ये टेस्ट 21 से 65 साल की औरतों को करवाना चाहिए। उनके मुताबिक 40 साल या उससे अधिक उम्र की औरतों को तो इसे रूटीन चेकअप की तरह करवाना चाहिए। पर जो लड़कियां 21 साल से ऊपर हैं और सेक्सुअली एक्टिव हैं उन्हें भी पैप स्मियर रूटीन के तौर पर करवाना चाहिए। पैप स्मियर की कीमत शहर और अस्पताल पर निर्भर करती है। ये सरकारी अस्पतालों में प्रफी है। प्राइवेट अस्पतालों में इसकी कीमत 300 से 700 के आसपास होती है।
ब्रेस्ट कैंसर का टेस्ट- 20 की उम्र के बाद से ब्रेस्ट एग्जाम करवाना जरूरी है। ये 20 से 40 साल तक की उम्र तक करवाना चाहिए। ये एक फिजिकल एग्जाम है। यानी इसमें डाक्टर छूकर ब्रेस्ट में गांठों का पता लगाते हैं। ये गाठें ही ब्रेस्ट कैंसर का संकेत देती हैं। इसलिए जरूरी है ये टेस्ट करवाया जाए।


 


 


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