बुधवार, 26 फ़रवरी 2020

बिना क्लीनर ऐप के स्मार्टफोन का स्टोरेज खाली करने का तरीका

बिना क्लीनर ऐप के स्मार्टफोन का स्टोरेज खाली करने का तरीका



कई क्लीनर ऐप यूजर डेटा की चोरी करने के साथ ही डिवाइस को भी नुकसान पहुंचाते हैं
प0नि0डेस्क
देहरादून। स्मार्टफोन यूजर्स को अक्सर फोन स्टोरेज फुल होने की समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में वे फोन में मौजूद फालतू फोटोज और विडियो को डिलीट कर स्पेस बनाने का प्रयास करते हैं, लेकिन कुछ ही दिनों में यह समस्या फिर सामने आ जाती है। कुछ यूजर ऐसे भी हैं जो थर्ड पार्टी स्टोरेज क्लीनर ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन हाल में आई एक रिपोर्ट में इन्हें खतरनाक बताया है। 
रिपोर्ट के अनुसार गूगल प्ले स्टोर पर कई ऐसे क्लीनर ऐप हैं जो यूजर डेटा की चोरी करने के साथ ही डिवाइस को भी नुकसान पहुंचाते हैं। कुछ ऐसी ट्रिक्स है जिनसे बिना क्लीनर ऐप्स की मदद लिए फोन के स्टोरेज को खाली कर सकते हैं।
ज्यादातर ऐंड्रायड ऐप्स यूजर अनुभव को बेहतर बनाने के लिए कैश डेटा का इस्तेमाल करते हैं। कैश डेटा समय की बचत करता है, लेकिन यह फोन के इंटरनल स्टोरेज में कापफी जगह लेता है। अगर इसे समय-समय पर क्लियर न किया जाए तो यह स्टोरेज कम करने के साथ ही फोन की स्पीड को भी धीमा कर देता है। 
किसी ऐप के सही ढंग से काम करने के लिए कैश डेटा की जरूरत नहीं पड़ती। यह केवल यूजर की सहूलियत के लिए है। ऐसे में बेहतर होगा कि जब भी फोन के स्टोरेज को खाली करने का ख्याल आए तो सबसे पहले कैश डेटा को डिलीट करें। यह तुरंत फोन में स्टोरेज को बढ़ा देगा। हर ऐप यूजर को बेस्ट एक्सपीरियंस देने के लिए कैश बनाता है। स्मार्टफोन की सेटिंग में दिए गए स्टोरेज आप्शन में जाकर ऐप के कैश डेटा को क्लियर कर सकते हैं।
फोन में क्लिक की गई सभी फोटोज का गूगल फोटो आटोमैटिकली बैकअप ले लेता है। इससे यह पक्का हो जाता है कि फोटो हमेशा सेफ रहेंगे और फोन खोने या बदलने की स्थिती में भी उन्हें ऐक्सेस कर सकेंगे। हालांकि कई यूजर यह गलती करते हैं कि वे फोटो के बैकअप होने के बाद भी उसे डिवाइस पर सेव रखते हैं। 
ऐसा करने से फोन के स्टोरेज में कमी आती है। बेहतर होगा कि गूगल पर स्टोर हुए पफोटोज को सिस्टम मेमरी से डिलीट कर दें। किसी कान्टेंट को तुरंत ऐक्सेस नहीं करना है तो गूगल फोटोज में दिए गए प्रफी अप स्पेस आप्शन का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसा करने से सारे फोटो फोन से तो डिलीट हो जाएंगे लेकिन क्लाउड पर सेव रहेंगे।
कई ऐसे यूजर हैं जिन्हें फोन में ढेरों ऐप रखने की आदत होती है। इन ऐप्स की संख्या 100 तक भी हो सकती है। इनमें से आधे ऐप ऐसे होते हैं जिनकी जरूरत केवल इंस्टाल किए जाने के वक्त होती है। कुछ ऐप्स ऐसे भी होते हैं जिन्हें महीनों से इस्तेमाल नहीं कर रहे। फोन के स्टोरेज के लिए अच्छा रहेगा कि इन फालतू ऐप्स की पहचान कर उसे डिलीट कर दिया जाए।
सभी स्मार्टफोन एक डाउनलोड फोल्डर के साथ आते हैं। इस फोल्डर को आमतौर पर माई फाइल्स में जाकर देखा जा सकता है। समय बीतने के साथ ही इसमें कई सारी डाउनलोड की हुई फाइलें सेव हो जाती है। इनमें से कुछ ही ऐसी होती होंगी जिनकी जरूरत डाउनलोड किए जाने के कुछ दिन बाद होती होगी। फोन के स्टोरेज का खाली करने के लिए उन फाइल्स को डिलीट कर दें जिसकी जरूरत न हो।
यदि इन तरीकों के बाद भी फोन का स्टोरेज पूरा तरह प्रफी नहीं हो रहा तो डिवाइस के जंक फाइल्स को डिलीट करें। जंक फाइल्स को डिलीट करने के लिए गूगल फाइल्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। जंक फाइल्स वे फाइलें होती हैं जो न तो कैश में दिखती हैं और ना हीं डाउनलोड्स में। नजर न आने के बावजूद भी ये स्मार्टफोन के स्टोरेज को कम करने का काम करती हैं। गूगल फाइल्स फोन में मौजूद डूप्लिकेट फाइल्स को डिटेक्ट कर लेता है और यूजर को बताता है कि कौन से ऐप ज्यादा स्टोरेज ले रहे हैं।
स्मार्टफोन का इंटरनल स्टोरेज जरूरत के हिसाब से कम है तो एक एसडी कार्ड का इस्तेमाल करें। आजकल लगभग सभी फोन माइक्रो एसडी कार्ड स्लाट के साथ आते हैं।


 


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