रविवार, 16 फ़रवरी 2020

त्रिवेंद्र ने कर्ज मामले में सात मुख्यमंत्रियों को पछाड़ाः मोर्चा     

त्रिवेंद्र ने कर्ज मामले में सात मुख्यमंत्रियों को पछाड़ाः मोर्चा  


- पूर्ववर्ती सात मुख्यमंत्रियों के समय 2016-17 तक था 20832 करोड बाजारू कर्ज 
- सीएम त्रिवेंद्र ने लिया 16060 करोड़ कर्ज अपने कार्यकाल में 
- लगभग 2800 करोड प्रतिवर्ष कर्ज का ब्याज चुकायेगी जनता 
- प्रदेश को खोखला करने के मामले में त्रिवेंद्र बने पहले सीएम 



संवाददाता
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने अपने एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने कार्यकाल में 16060 करोड रुपए बाजारू कर्ज लेकर पूर्ववर्ती 7 मुख्यमंत्रियों का 16 वर्ष का एक साथ रिकॉर्ड तोड़ने का काम किया है। उन्होंने कहा कि जब त्रिवेंद्र ने कार्यकाल संभाला था, उस वक्त 20832.21  करोड़ बाजारू कर्ज था, जिसको बढ़ाकर देश के सर्वश्रेष्ठ सीएम एवं जीरो टोलरेंस के महानायक त्रिवेंद्र ने 33,701.50 करोड़ (31/12/2019 तक) कर दिया।
नेगी ने कहा कि हालात यह है कि आज की तारीख में प्रदेश को लगभग रूपये 2800 करोड़ प्रतिवर्ष ब्याज के रूप में चुकाने पड़ रहे हैं, जिसका सीधा-सीधा कारण यह है कि जो राजस्व सरकारी खजाने में जाना चाहिए था, वो इनकी जेबों में जा रहा है। नेगी ने कहा कि हैरानी की बात यह है कि त्रिवेंद्र द्वारा लिए गए ऋण से कोई नए निर्माण/विकास कार्य नहीं हुए हैं, यह सिर्फ और सिर्फ अयोजनागत मद में खर्च हुए हैं। उक्त के अतिरिक्त केंद्र सरकार से लिए गए ऋण की अदायगी एवं उसका ब्याज अलग से चुकाना बाकी है।               
नेगी ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में, जब प्रदेश कर्ज में डूब गया हो तथा दिवालिया होने की  कागार पर हो तो प्रदेशवासियों का क्या होगा, सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।


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