शनिवार, 11 अप्रैल 2020

आनलाइन शिक्षा के लिए ‘भारत पढ़े आनलाइन’ अभियान शुरू

‘निशंक’ ने लोगों को आपस में जोड़ने के लिए लोगों के विचार जानने के उद्देश्य से शुरू किया अभियान
आनलाइन शिक्षा के लिए ‘भारत पढ़े आनलाइन’ अभियान शुरू



एजेंसी
नई दिल्ली। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने देश में आनलाइन शिक्षा के जरिये लोगों को आपस में जोड़ने के लिए बड़ी संख्या में लोगों के विचार जानने के उद्देश्य से एक सप्ताह लंबा ‘भारत पढ़े आनलाइन’ अभियान शुरू किया। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य भारत के सर्वश्रेष्ठ दिमागों को आमंत्रित करना है ताकि आनलाइन शिक्षा की बाधाओं को दूर करते हुए उपलब्ध डिजिटल शिक्षा प्लेटपफार्मों को बढ़ावा देकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ सुझाव/समाधान सीधे साझा किए जा सकें और उपलब्ध डिजिटल शिक्षा प्लेटफार्मों को बढ़ावा दिया जा सके। निशंक ने कहा कि विचारों को bharatpadheonline.mhrd/gmail.com और #BharatPadheOnline का उपयोग करते हुए ट्विटर पर 16 अप्रैल तक साझा किया जा सकता है। ट्विटर का उपयोग करते समय उसे /HRDMinistry और /DrRPNishank पर भी टैग किया जाए ताकि विचार हम तक पहुंच सकें। उन्होंने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से सुझावों जानना चाहेंगे।
अपने ट्विटर के जरिए उन्होंने कहा कि मेरा आप सभी से निवेदन है कि आप सब मंत्रालय को आनलाइन शिक्षा पद्वति को और अधिक प्रभावशाली और रचनात्मक बनाने हेतु अपने सुझाव दें। आप सभी अपने सुझाव #BharatPadheonline का उपयोग करते हुए मेरे /DRPNishank व मंत्रालय के /HRDMinistry ट्विटर अकाउंट में भेज सकतें हैं। #IndiaFightsCorona pic.twitter.com/kdmoZj4mm5
निशंक ने कहा कि छात्र और शिक्षक इसमें हमारे विशेष समूह हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि वे मौजूदा आनलाइन शिक्षा विधियों को बेहतर बनाने के लिए पूरे मनोयोग से इस अभियान में भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि जो छात्रा वर्तमान में स्कूलों या उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे हैं, वे विभिन्न पाठ्यक्रमों में मौजूदा डिजिटल प्लेटफार्मों से दैनिक आधार पर जुड़े हुए हैं। वे इस बात को साझा कर सकते हैं कि मौजूदा आनलाइन प्लेटपफार्म में क्या कमी है और हम कैसे उन्हें अधिक आकर्षक बना सकते हैं।
उन्होंने कहा कि देश भर के शिक्षक भी शिक्षा के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता और अनुभव के साथ योगदान देने के लिए आगे आ सकते हैं। उनके साथ बातचीत शुरू की जा सकती है, उनसे पूछा जा सकता है कि उन्हें क्या लगता है कि आदर्श आनलाइन शिक्षा व्यवस्था कैसी दिखाई देनी चाहिए? या भारत के वर्तमान आनलाइन शिक्षा परिदृश्य की सीमाएं क्या हैं? आनलाइन शिक्षा के माध्यम से पारंपरिक कक्षाओं में उन्हें किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
निशंक ने एक बार पिफर सभी भारतीयों से देश में आनलाइन शिक्षा में तेजी लाने के लिए इस अनूठी पहल में भाग लेने का आग्रह किया।


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