सोमवार, 18 मई 2020

ई-पुस्तक ‘द कोरोनवायरस’ का वर्चुअल पुस्तक विमोचन

ई-पुस्तक ‘द कोरोनवायरस’ का वर्चुअल पुस्तक विमोचन
पुस्तक इस जानलेवा वायरस से खुद को सुरक्षित रखने के बारे में कुछ अहम सलाह के साथ देती है इसके इतिहास की जानकारी



संवाददाता
देहरादून। प्रभा खेतान फाउंडेशन ने ई-पुस्तक ‘द कोरोनवायरस’ वैश्विक महामारी के बारे में आपको क्या जानना चाहिए, के वर्चुअल पुस्तक विमोचन किया। यह पुस्तक डा0 स्वप्निल पारिख, सह-संस्थापक डीआईवाई हेल्थ, क्लीनिकल मनोवैज्ञानिक माहेरा देसाई और मेडिकल शोधकर्ता और मेडिकल रिसर्च और डा0 राजेश पारिख, मेडिकल रिसर्च एंड न्यूरोसाइकाइट्री जसलोक अस्पताल के द्वारा लिखी गई है। 
पेंगुइन द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक इस जानलेवा वायरस से खुद को सुरक्षित रखने के बारे में कुछ अहम सलाह देते हुए इस महामारी के इतिहास की जानकारी देती है। इस दौरान स्पेक्ट्रम की अध्यक्षा सुश्री शमा देओ ने स्वागत भाषण दिया और सत्रा का संचालन किया। 
यह पुस्तक इतिहास के अलग-अलग समय पर महामारी के साथ दुनिया के संघर्षों और पेश आने वाली चुनौतियों का एक सचित्र विवरण प्रदान करती है। इस वर्चुअल सेशन के विषय में सुश्री मनीषा जैन कम्युनिकेशन और ब्रांडिंग प्रमुख, प्रभा खेतान फाउंडेशन ने कहा कि इस पहल के जरिए फाउंडेशन और पेंगुइन व्याप्त वैश्विक महामारी के बारे में क्या जानना चाहिए इसके बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। 
इस पुस्तक के सह-लेखक डा0 स्वप्निल पारिख ने कहा कि यह पहली पुस्तक है जो इस महामारी से संबंधित इतिहास, विकास, सच्चाई और मिथकों के बारे में जानकारी प्रदान करती है। हालांकि अब दुनिया के पास पर्याप्त तकनीक और ई-बोला, स्वाइन फ्रलू, जीका जैसी महामारियों का अनुभव हैं, फिर भी पिछले अनुभव से सीखने में हमारी अक्षमता या अनिच्छा के कारण इस स्थिति को प्रबंधित करने में देर हुई।
सत्र के दौरान डाक्टरों ने इस बात पर चर्चा की कि इस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए हमें खुद को कैसे तैयार करना चाहिए। उन्होंने वायरल संक्रामकों के आधुनिक युग के इतिहास पर भी चर्चा की, जिससे पता चलता है कि महामारी वो तबाहियां होती हैं। 
नैदानिक मनोवैज्ञानिक और चिकित्सा शोधकर्ता सुश्री माहेरा देसाई ने वर्चुअल सत्रा में कहा कि बहुत बड़ी संख्या में भारत के लोग अच्छे स्तर की स्वास्थ्य सेवा तक नहीं पहुंच सकते हैं और आशा है कि जब हम इस मुसीबत से बाहर निकलेंगे, तो लोग उन लोगों की देखभाल करना शुरू कर देंगे जो मूलभूत चिकित्सा सुविधाओं की कमी के कारण लगातार पीड़ित होते रहे हैं। 
साहित्य संस्कृति और ललित कला को बढ़ावा देने के प्रति समर्पित प्रभा खेतान पफाउंडेशन भारत में सांस्कृतिक, शैक्षिक, साहित्यिक और सामाजिक कल्याण परियोजनाओं को लागू करने के लिए सेवा प्रदान करने वालों, प्रतिबद्व व्यक्तियों और समान विचारधारा वाले संस्थानों के साथ मिलकर काम करता है। किताब प्रभा खेतान फाउंडेशन की एक पहल है। इस पहल के माध्यम से पीकेएफ ने लिए डा0 शशि थरूर, वीर सांघवी, पवन वर्मा, सलमान खुर्शीद, सुनीता कोहली जैसे कुछ लेखकों की किताबों को लान्च किया है।


माईगव हेल्पडेस्क पर डिजिलाकर सेवाओं का उपयोग

  माईगव हेल्पडेस्क पर डिजिलाकर सेवाओं का उपयोग व्हाट्सएप उपयोगकर्ता $91 9013151515 पर केवल नमस्ते या हाय या डिजिलाकर भेजकर कर सकते है चैटबाट...