शनिवार, 30 मई 2020

लॉकडाउन 5.0 को लेकर केंद्रीय मंत्री ने दिए संकेत

लॉकडाउन 5.0 को लेकर केंद्रीय मंत्री ने दिए संकेत



नई गाइडलाइंस के तहत 1 जून से देश के ज्यादातर हिस्सों से लाकडाउन की पाबंदियां खत्म कर दी जाएंगी
एजेंसी
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लाकडाउन की घोषणा की गई, तब से लेकर अब तक चार बार लाकडाउन को बढ़ाया जा चुका है। 31 मई को लाकडाउन 4.0 की अवधि भी समाप्त हो रही हैं ऐसे में लोग कयास लगा रहे हैं कि अब क्या लाकडाउन आगे बढ़ेगा या नहीं। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने लाकडाउन 5.0 के बारे में कहा कि अब लाकडाउन काफी हद तक कम हो जाएगा। लोगों से कई तरह की पाबंदियां हटा ली जाएंगी।
केंद्रीय मंत्री ने एक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान कहा कि लाकडाउन 5.0 बिल्कुल साधारण होगा। इसमें कुछ ही इलाकों में पाबंदियां लगाई जाएंगी। बाकी जन जीवन को खोला जाएगा। उन्होंने कहा कि ये समय हमेशा ऐसा ही चलेगा। लोगों को काफी हद तक छूट दे दी गई है और उम्मीद है कि सामान्य जीवन होगा।
उन्होंने लाकडाउन को बेहद जरूरी कदम बताते हुए कहा कि अगर देश में समय रहते ये फैसला नहीं लिया जाता है तो आज भारत में 50 लाख कोरोना के केस होते। लाकडाउन के कारण आज भी हमारी जितनी जनसंख्या है उसके हिसाब से बहुत कम केस सामने आ रहे हैं। उन्होंने कोरोना से मौत के बारे में कहा कि पूरे विश्व में सबसे कम मौतें भारत में ही हुई हैं। हम उम्मीद करते हैं कि जल्द ही कोई वैक्सीन या दवा आए और लोग पहले की ही तरह सामान्य जीवन जिएं।
केंद्र सरकार एक नई गाइडलाइंस पर काम कर रही है, जिसके तहत 1 जून से देश के ज्यादातर हिस्सों से लाकडाउन की पाबंदियां खत्म कर दी जाएंगी। देश के 13 शहरों को छोड़कर बाकी सभी हिस्सों से पाबंदियों को हटाया जा सकता है। होटलों, माल्स और रेस्टोरेंस को भी 1 जून से खोलने की इजाजत दी जा सकती है। 31 मई को अगले 15 दिनों के लिए देशभर में लागू किए जाने वाले दिशानिर्देशों को जारी किया जा सकता है। इन 13 शहरों दिल्ली, मुंबई, चेन्नै, अहमदाबाद, ठाणे, पुणे, हैदराबाद, कोलकाता, इंदौर, जयपुर, जोधपुर, चेंगलपट्टु और तिरुवलुर में पाबंदियों को आगे भी जारी रखा जा सकता है।
होटलों को चरणबद्व तरीके से खोला जाएगा। इस बारे में सरकार जल्द ही फैसला लेगी। यह भी मुमकिन है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात में लाकडाउन के अगले चरण को लेकर कुछ बातें स्पष्ट करें। हालांकि इस पर अंतिम पफैसला लिया जाना अभी बाकी है। इस बात पर मंथन चल रहा है कि किस तरह अब आगे से लाकडाउन जैसे शब्द के इस्तेमाल से बचा जाए। उन्होंने बताया कि राज्यों को पूरे अधिकार दिए जाएंगे कि अगर उन्हें जरूरी लगा तो सख्ती कर सकते हैं। शहरों के हालात के मद्देनजर राज्य यह फैसला लेने के लिए स्वतंत्र होंगे कि वहां दी गई ढील को वापस लेकर और ज्यादा सख्ती की जाए या नहीं।
सूत्रों ने बताया कि 1 जून से ज्यादातर पब्लिक ट्रांसपोर्ट को सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों के साथ शुरू किया जा सकता है लेकिन मेट्रो के संचालन को अभी इजाजत दिए जाने की संभावना कम है।


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