बुधवार, 13 मई 2020

मालदीव में कृत्रिम द्वीप बना रहा चीन

मालदीव में कृत्रिम द्वीप बना रहा चीन
सैटेलाइट इमेज से हुआ इस बात का खुलासा

एजेंसी
माले। जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है इस दौरान चीन भारत से 684 किलोमीटर दूर मालदीव में एक कृत्रिम द्वीप का निर्माण कर रहा है। साउथ चाइना सी के तर्ज पर हिंद महासागर में नए द्वीप का निर्माण कर चीन सीधे तौर पर भारत के सामने सामरिक चुनौती पेश कर रहा है। हाल में ही सैटेलाइट तस्वीरों से चीन के इस नापाक चाल का खुलासा हुआ है। इन तस्वीरों को ओपन सोर्स इंटेलिजेंस एनॉलिस्ट क्मजतमेंि ने जारी किया है।
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने अपने कार्यकाल के दौरान 2016 में थ्मलकीववपिदवसीन समेत 16 द्वीपों को चीनी कंपनियों को लीज पर दिया था। अब चीन इन द्वीपों पर बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य कर रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार इस द्वीप में इतने बड़े पैमाने पर चीन द्वारा धन के निवेश के पीछे भारत को घेरने की साजिश है।
हथियारों के खरीद फरोख्त पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था सिपरी के न्यूक्लियर इंफार्मेशन प्रोजक्ट के निर्देशक हेंस क्रिस्टेंसन ने ट्वीट कर कहा कि मालदीव के थ्मलकीववपिदवसीन द्वीप को तत्कालीन चीनी सरकार ने 4 मिलियन डॉलर में चीन को 2016 में लीज पर दे दिया था। अब चीन यहां साउथ चाइना सी के तर्ज पर अपने बेल्ट और रोड इनिशिएटिव के रूप में भारत को घेरने की कोशिश कर रहा है।
भारत के वैश्विक स्तर पर बढ़ते साख से घबराए चीन ने हिंद महासागर में स्थित कई देशों को अपने कर्ज के जाल में फंसा रखा है। चीन वैश्विक व्यापार और अपने इंफ्रास्टक्चर प्लान के जरिए इन देशों में अपनी पकड़ को मजबूत कर रहा है। इस कड़ी में 90 हजार वर्ग किलोमीटर में फैला मालदीव उसका पसंदीदा शिकार बना।
मालदीव हिंद महासागर से आने-जाने वाले जहाजों के मुख्य मार्ग पर स्थित है। हर साल इस रास्ते से अरबों का व्यापार होगा है। दूसरी तरफ चीन यहां से भारत पर भी कड़ी नजर रख सकता है। इस द्वीप से चीनी जहाजों को भारत आने में 20 से 25 मिनट का समय लगेगा।
अब्दुल्ला यामीन के कार्यकाल में भारत की मालदीव से तल्खी बहुत बढ़ गई थी। यहां तक की भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मालदीव की अपनी यात्रा तक को निरस्त कर दिया था। अब्दुल्ला यामीन चीन के करीबी नेताओं में शुमार थे। हालांकि सितंबर 2018 में हुए चुनावों में यहां अब्दुल्ला यामीन को हार का मुंह देखना पड़ा था। मालदीव के नए राष्ट्रपति बने इब्राहिम मोहम्मद सोलिह भारत के करीबी माने जाते हैं।
चीन ने मालदीव में अरबों डॉलर का निवेश किया हुआ है। ये सब पिछली सरकार के कार्यकाल में हुए हैं। इसमें 83 करोड़ डॉलर की लागत से राजधानी माले में बनने वाला एयरपोर्ट भी शामिल है। भारत को डर है कि चीन अपनी निर्माण कंपनियों की आड़ में मिलिट्री बेस स्थापित कर सकता है।


माईगव हेल्पडेस्क पर डिजिलाकर सेवाओं का उपयोग

  माईगव हेल्पडेस्क पर डिजिलाकर सेवाओं का उपयोग व्हाट्सएप उपयोगकर्ता $91 9013151515 पर केवल नमस्ते या हाय या डिजिलाकर भेजकर कर सकते है चैटबाट...