मंगलवार, 16 जून 2020

बीमा कंपनी क्लेम में नहीं कर सकती आनाकानी

आठ साल प्रीमियम जमा हुआ तो बीमा कंपनी क्लेम में नहीं कर सकती आनाकानी



बीमा नियामक ने हेल्थ इंश्योरेंस की सामान्य नियम एवं शर्तों को मानकीकृत बनाने के लिए किया यह काम
एजेंसी
नई दिल्ली। स्वास्थ्य बीमा के मामले में यदि किसी बीमाधारक ने लगातार आठ साल तक प्रीमियम जमा किया हो तो उसके बाद कंपनी उसके बीमा दावों पर किसी तरह का विवाद नहीं खड़ा कर सकती। भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण आईआरडीएआई ने अपनी नई गाइडलाइन में यह बात कही है।
असल में बीमा नियामक ने हेल्थ इंश्योरेंस के सामान्य नियम एवं शर्तों को मानकीकृत बनाने के लिए यह काम किया है। आईआरडीएआई ने कहा कि बीमा के सभी सेक्टर में एकरूपता लाने और मौजूदा स्वास्थ्य बीमा उत्पादों की सामान्य नियमों एवं शर्तों की शब्दावली को सरल बनाने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
आईआरडीएआई ने कहा कि मौजूदा बीमा उत्पादों के सभी पालिसी कान्ट्रैक्ट जो गाइडलाइन के अनुरूप नहीं हैं उनमें बदलाव किया जाएगा और यह बदलाव 1 अप्रैल, 2021 के बाद जब रीन्यूअल के लिए पालिसी ड्यू होगी, उस समय से लागू किया जाएगा।
आईआरडीएआई ने कहा कि यदि कोई बीमा पालिसी लगातार आठ साल तक जारी रही हो, तो उस पर पीछे के सालों के लिए कोई किंतु-परंतु नहीं हो सकता। इस मोरेटोरियम पीरियड के खत्म होने के बाद किसी स्वास्थ्य बीमा के दावे पर किसी तरह का विवाद नहीं किया जा सकता, बशर्ते कि पालिसी कान्ट्रैक्ट के मुताबिक किसी तरह की जालसाजी या स्थायी रोक की बात न साबित हुई हो।
हालांकि ये पालिसी सभी सीमाओं, उप-सीमाओं, को-पेमेंट, डिडक्टिबल आदि के अधीन होंगे। आठ साल की यह अविध मोरेटोरियम अवधि कही जाएगी और यह पहली पालिसी के सम एंश्योर्ड पर लागू होगी और आठ साल की अवधि आगे सम एंश्योर्ड की बढ़ी सीमा पर लागू होगी। आईआरडीएआई ने कहा कि बीमा कंपनी को किसी बीमा को स्वीकार करने या निरस्त करने का निर्णय अंतिम दस्तावेज हासिल करने के 30 दिन के भीतर ही लेना होगा।
गौरतलब है कि कोरोना संकट के दौर में बीमा नियामक आईआरडीएआई स्वास्थ्य बीमा के क्षेत्रा में तमाम तरह की विसंगतियों को दूर करने के लिए लगातार सक्रिय हुआ है। हाल में भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण आईआरडीएआई ने बीमा कंपनियों से कहा है कि वे मेडिकल इंश्योरेंस की पालिसी में टेलीमेडिसीन को भी कवर करें। आईआरडीएआई के निर्देश के मुताबिक ही कोरोना के इलाज को हेल्थ बीमा कवर में शामिल किया गया है, अब इसमें टेलीमेडिसीन को शामिल करने से मरीजों को और राहत मिलेगी।


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