डीएम को जांच अधिकारी बदलने के निर्देश
- वर्ष 2017-18 के 50 टेंडर्स का है घोटाला
- 2.38 करोड़ के टेंडर्स मिलीभगत कर मात्र 0.10 न्यूनतम दर पर किए गए थे स्वीकृत
- घोटाले में लिप्त अधिकारी से ही करा दी थी प्रशासन ने जांच
- 40 फ़ीसदी टेंडर्स एक ही ठेकेदार को कर दिए थे आवंटित
- मोर्चा ने मुख्य सचिव से जांच अधिकारी बदलने का किया था आग्रह
संवाददाता
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा के जिला मीडिया प्रभारी प्रवीण शर्मा पिन्नी ने कहा कि नवंबर 2019 में मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह से मुलाकात कर पालिका विकास नगर में हुए टेंडर घोटाले की पुनः जांच की मांग को लेकर 20/11/19 को ज्ञापन सौंपा था, जिसमें मुख्य सचिव ने गंभीरता दिखाते हुए सचिव, शहरी विकास को मामले की जांच करने के निर्देश दिए थे तथा शासन के निर्देशों के क्रम में निदेशक,शहरी विकास ने जिलाधिकारी को दिनांक 15/06/20 को जांच अधिकारी बदल कर किसी अन्य सक्षम अधिकारी से जांच कराने के निर्देश दिए।
शर्मा ने कहा कि वर्ष 2017-18 में नगर पालिका विकास नगर में 2.38 करोड़ के 50 टेंडर्स को मिलीभगत कर मात्र 0.10 फ़ीसदी न्यूनतम दर पर स्वीकृत कर सरकार को 60-70 लाख का चूना लगाने का काम किया गया था तथा लगभग 40 फ़ीसदी टेंडर्स एक ही ठेकेदार को आवंटित कर दिए थे। अगर पारदर्शी तरीके से टेंडर प्रक्रिया संपन्न होती तो यही कार्य 20 से 40 फ़ीसदी न्यूनतम दरों पर स्वीकृत होते।
मोर्चा द्वारा उक्त घोटाले की जांच हेतु पूर्व में सचिव, शहरी विकास से आग्रह किया गया था, जिसके क्रम में शासन ने दिनांक 20-7-18 को जिलाधिकारी एवं निदेशक, शहरी विकास को जांच के निर्देश दिए थे।
मोर्चा के मुताबिक प्रशासन ने किसी ईमानदार व निष्पक्ष एजेंसी से जांच कराने के बजाय उसी घोटालेबाज अधिकारी से जांच करा दी, जिसने घोटाले को अंजाम दिया था तथा उक्त अधिकारी ने जांच कर रिपोर्ट प्रशासन के माध्यम से शासन को प्रेषित करवा दी। मोर्चा ने कहा कि वह भ्रष्ट अधिकारियों को किसी सूरत में नहीं बख्सेगा।