रविवार, 7 जून 2020

प्रचलित मान्यता के आधार पर चौकी बांधने का अर्थ

प्रचलित मान्यता के आधार पर चौकी बांधने का अर्थ
अंधविश्वास समझे जाने वाले कृत्य किसी स्थान, खजाने आदि की रक्षा करना है



प0नि0डेस्क
देहरादून। चौकी बांधना, यह शब्द अक्सर सुनने में आता रहता है। जिज्ञासा होती है कि चौकी बांधना क्या है और क्या यह सही है? हालांकि इसे अंधविश्वास माना जाता है। दरअसल चौकी बांधना का अर्थ होता है किसी स्थान, धन अथवा खजाने आदि की रक्षा करना। यहां दी जा रही जानकारी समाज में प्रचलित मान्यता के आधार पर है। इसलिए पाठकों से अनुरोध है कि वे अपने विवेक से काम लें।
मान्यता अनुसार कहा जाता है कि अक्सर ये काम बंजारे, गडरिये या आदिवासी लोग करते हैं। वे अपने किसी जानवर या बच्चे की रक्षा करने के लिए चौकी बांध देते हैं। जैसे गडरिये अपने बच्चे को किसी पेड़ की छांव में लेटा देते हैं और उसके आसपास छड़ी से एक गोल लकीर खींच देते हैं। फिर कुछ मंत्र बुदबुदाकर चौकी बांध देते हैं। ऐसा कहा जाता है कि उनके इस प्रयोग से उक्त गोले में कोई भी बिच्छू, जानवर या कोई बुरी नियत का व्यक्ति प्रवेश नहीं कर पाता है।
उल्लेखनीय है कि यही प्रयोग लक्ष्मण ने सीता माता की सुरक्षा के लिए किया था जिसे आज लक्ष्मण रेखा कहा जाता है। हालांकि रामायण में इसका कोई उल्लेख नहीं मिलता है।
ऐसा भी कहा जाता है कि चौकी बांधने का प्रयोग कई राजा महाराजा अपने खजाने की रक्षा के लिए करते रहे हैं। कहते हैं कि आज भी उनका खजाना इसी कारण से सुरक्षित है। रावण ने तो अपने संपूर्ण महल की चौकी बांध रखी थी। आधुनिक युग में पद्मनाभ स्वामी मंदिर के खजाने के संबंध में कहा जाता है कि वहां के अंतिम दरवाजे पर विशेष मंत्रों से चौकी बांध रखी है। कुछ लोग इसे तहखाना भी कहते हैं।
कहते हैं कि आज भी कई गढ़े खजाने की चौकी बंधी हुई है। हालांकि यह भी कहा जाता है कि चौकी सिर्फ खजाने की ही नहीं बांधी जाती है बल्कि किसी व्यक्ति की, उसके घर की या उस व्यक्ति से संबंधित किसी भी वस्तु की भी बांधी जाती है। चौकी बांधने के मकसद अलग अलग होते हैं।
चौकी बांधने के कई तरीके होते हैं। चौकी किसी देवी या देवता की बांधी जाती है, नाग महाराज की चौकी भी बांधी जाती है। चौकी भैरव और दस महाविद्याओं की भी बांधी जाती है। कुछ लोग भूत-प्रेत की चौक बांधते हैं तो कुछ नगर देवता की भी चौकी बांधते है।
माना जाता है कि बंजारा, आदिवासी, पिंडारी समाज अपने धन को जमीन में गाड़ने के बाद उस जमीन के आस-पास तंत्र-मंत्र द्वारा नाग की चौकी या भूत की चौकी बिठा देते थे जिससे कि कोई भी उक्त धन को खोदकर प्राप्त न कर सके। जिस किसी को उनके खजाने के पता चल जाता और वह उसे चोरी करने का प्रयास करता तो उसका सामना नाग या भूत से होता। इन बातों में कितनी सचाई है यह तो मालूम नहीं लेकिन ऐसी बातें समाज में प्रचलित है।


 


माईगव हेल्पडेस्क पर डिजिलाकर सेवाओं का उपयोग

  माईगव हेल्पडेस्क पर डिजिलाकर सेवाओं का उपयोग व्हाट्सएप उपयोगकर्ता $91 9013151515 पर केवल नमस्ते या हाय या डिजिलाकर भेजकर कर सकते है चैटबाट...