रविवार, 7 जून 2020

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया इस्तेमाल करने का सही तरीका

डब्ल्यूएचओ ने मास्क पहनने के लिए जारी किए दिशा-निर्देश
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया इस्तेमाल करने का सही तरीका



एजेंसी
जिनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए मास्क पहनने के सही तरीके को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा-निर्देशों में बताया गया है कि मास्क किन्हें पहनना चाहिए और कब पहनना चाहिए। इसमें ये भी बताया गया है कि मास्क पहनते समय क्या करें और क्या नहीं। साथ ही संगठन ने समझाया है कि मेडिकल और नॉन-मेडिकल मास्क को कैसे पहनना चाहिए और इस दौरान किस तरह की सावधानी बरतनी चाहिए।
दिशा-निर्देशों में बताया गया है कि एक नॉन-मेडिकल कपड़े का मास्क पहनते समय क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक एक नॉन-मेडिकल कपड़े का मास्क पहनते समय क्या करना चाहिएः मास्क छूने से पहले हाथों को अच्छे से धोएं। मास्क को अच्छे से देखें कहीं वो गंदा या फिर खराब तो नहीं हो गया है। साइड में बिना कोई गैप रखे मास्क को पहनें। मास्क को इस तरह से पहनें कि नाक, मुंह और चिन ढंके रहें।
मास्क को बार-बार छूने से बचें। मास्क को उतारने से पहले हाथों को साफ कर लें। मास्क को बीच से छूते हुए ना उतारें बल्कि उसकी स्ट्रिप्स को पकड़कर उतारें। मास्क अगर गंदा और गीला नहीं है, साफ है और आप इसे दोबारा पहनने के इच्छुक हैं, तो एक साफ बैग में संभालकर रख दें। बैग से मास्क निकालते समय ध्यान रखें कि उसे स्ट्रिप्स से पकड़कर ही निकाला जाए।
दिन में कम से कम एक बार मास्क को गर्म पानी की सहायता से डिटर्जेंट या साबुन से साफ करें। मास्क को उतारने के बाद भी अपने हाथों को साफ करें।
नॉन-मेडिकल कपड़े का मास्क पहनते समय क्या नहीं करना चाहिएः मास्क जब खराब हो जाए तो उसे ना पहनें। ढीला मास्क पहनने से बचें। नाक के नीचे रखकर मास्क ना पहनें बल्कि चेहरे को पूरी तरह ढकें। जहां लोग एक मीटर से कम दूरी पर खड़े हों, वहां मास्क ना उतारें।
ऐसा मास्क ना पहनें जिससे सांस लेने में तकलीफ हो। गंदा और गीला मास्क ना पहनें। दूसरों के साथ अपने मास्क को शेयर ना करें। मेडिकल मास्क को पहनते समय सावधानी बरतेंः फटा हुआ और नम मास्क ना पहनें। ऐसा मास्क ना पहनें जो केवल मुंह और नाक को ढंकता हो। ढीला मास्क ना पहनें। मास्क को बीच से ना छुएं।
किसी से बात करते समय या कुछ काम करते समय जिसमें चेहरा छूना पड़े, तब मास्क ना उतारें। ऐसी जगह अपना इस्तेमाल किया मास्क ना रखें, जो दूसरों की पहुंच में हो। एक ही मास्क को बार-बार इस्तेमाल ना करें।
जिन लोगों में कोविड-19 के लक्षण दिखें उन्हें घर पर रहना चाहिए और डॉक्टर को दिखाना चाहिए। जिन लोगों को कोरोना वायरस हो गया है, उन्हें आइसोलेट होना चाहिए और उनके संपर्क में आए लोगों को क्वारंटाइन होना चाहिए। बीमार व्यक्ति के लिए जरूरी है कि वह अपने घर से बाहर ना निकले और उसे मेडिकल मास्क ही पहनना चाहिए।
कोरोना संक्रमित मरीज के देखभालकर्ता को भी उस समय मेडिकल मास्क पहनना चाहिए जब वह मरीज के कमरे में हो। स्वास्थ्यकर्मी को कोरोना संदिग्ध और संक्रमितों का इलाज करते समय मेडिकल मास्क और सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल करना चाहिए।
वो इलाका जहां कोरोना वायरस फैल रहा है, वहां अस्पताल आदि में काम करने वाले लोगों और अन्य लोगों को भी मास्क पहनना चाहिए। जो डॉक्टर उन मरीजों का इलाज कर रहे हों, जिन्हें कोविड-19 नहीं है, तब भी उन्हें मेडिकल मास्क पहनना चाहिए।
उन इलाकों में जहां कम्यूनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो गया है, वहां 60 साल और इससे अधिक उम्र के लोगों और बीमार लोगों को मेडिकल मास्क जरूर पहनना चाहिए। मास्क तब भी जरूर पहनें जब सामाजिक दूरी संभव ना हो पाए।
डब्ल्यूएचओ ने कम्यूनिटी ट्रांसमिशन वाले क्षेत्रों में आम जनता द्वारा मास्क के उपयोग को लेकर भी दिशा-निर्देशों को अपडेट किया है। इसमें लिखा है कि सरकार को आम जनता को उन स्थानों पर मास्क पहनने के लिए प्रेरित करना चाहिए, जहां वायरस तेजी से फैल रहा हो और सामाजिक दूरी का पालन करना मुश्किल हो (जैसे- सार्वजनिक परिवहन, दुकानों या भीड़भाड़ वाले इलाकों में)।
फैब्रिक मास्क भी तीन लेयर का होना चाहिए, वो भी अलग-अलग मैटिरियल से बना हुआ।


 


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