बुधवार, 22 जुलाई 2020

डाकपत्थर बैराज की सुरक्षा को लेकर मुख्य सचिव से मोर्चा ने लगायी गुहार  

डाकपत्थर बैराज की सुरक्षा को लेकर मुख्य सचिव से मोर्चा ने लगायी गुहार  



- पुलिस महानिदेशक के आदेश के बावजूद कार्यवाही में विलंब 
- मुख्यालय, अभिसूचना भी कर चुका गारद तैनाती की संस्तुति 
- बैराज (हेड रेगुलेटर पुल) टूटने से होगा अरबों रुपए राजस्व का नुकसान 
- खनन मापिफयाओं की भेंट नहीं चढ़ने देगा मोर्चा डाकपत्थर बैराज को 
संवाददाता
देहरादून। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह से मुलाकात कर डाकपत्थर बैराज को खनन मापिफयाओं से बचाने हेतु ज्ञापन सौंपा। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी को कार्यवाही के निर्देश दिये।
नेगी ने कहा कि डाकपत्थर क्षेत्रान्तर्गत यूजेविएनएल की यमुना जल विद्युत परियोजना वर्ष 1970 से विद्युत उत्पादन कर रही है। उक्त हेतु बैराज (हेड रेगुलेटर पुल) की डाकपत्थर में स्थापना की गयी थी, जोकि डाकपत्थर बैराज के नाम से प्रचलित है। 
उल्लेखनीय है कि महत्वाकांक्षी परियोजना होने तथा सुरक्षागत संवेदनशीलता के कारण उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा डाकपत्थर बैराज को नोटिफिकेशन दिनांक 29.11.1989 के द्वारा प्रतिबन्धित क्षेत्र घोषित किया गया था, जिसके फलस्वरूप पूर्व में बैराज की सुरक्षा में पुलिस गारद व अन्य सुरक्षाकर्मी तैनात किये गये थे।
अति महत्वपूर्ण यह है कि उक्त मामले में अपर पुलिस महानिदेशक, अभिसूचना एवं सुरक्षा, उत्तराखण्ड द्वारा दिनांक 11.06.2019 के द्वारा बैराज की संवेदनशीलता/सुरक्षा के दृष्टिगत 2-8 की प्रशिक्षित गारद तैनाती की संस्तुति की गयी थी, लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी। पुलिस/प्रशासन/यू0जे0वि0एन0एल0 प्रशासन भी इस मामले में केवल कागजी खाना-पूर्ति तक ही सीमित रहे। उक्त बैराज लगभग 50 वर्ष पुराना है तथा उसमें काफी दरारें भी आ गयी हैं। उक्त का उल्लेख स्वयं परियोजना के उत्तराधिकारियों द्वारा किया गया है।
इसके अतिरिक्त परियोजना के सभी संस्थान आर्टिफिशियल सीक्रेट एक्ट 1923 के तहत प्रतिबन्धित है, लेकिन उक्त बैराज से अनवरत 30-40 टन खनिज सामग्री लेकर बड़े-बड़े वाहन आवाजाही बेरोकटोक करते रहते हैं, जिनको रोकने वाला कोई नहीं है। ऐसी स्थिति में बैराज को आतंकवादी, राजद्रोही संगठनों व माफियाओं द्वारा नुकसान पहुंचाया जा सकता है। अगर बैराज को क्षति पहुंचती है तो कई वर्षों तक विद्युत उत्पादन ठप्प हो जायेगा तथा सरकार को करोड़ों-अरबों रूपये का राजस्व नुकसान उठाना पड़ेगा। 
नेगी ने कहा कि इस मामले में गत माह पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड को भी ज्ञापन सौंपा गया था।


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