रविवार, 23 अगस्त 2020

दो महीने के भीतर आ जाएगी भारत की कोरोना वैक्सीन

दो महीने के भीतर आ जाएगी भारत की कोरोना वैक्सीन



राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत देशवासियों को प्रफी में लगेगा टीका
एजेंसी
नई दिल्ली। पूरी दुनिया को कोरोना वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार है। एक रिपोर्ट के मुताबिक देश की पहली कोरोना वैक्सीन दो महीने के भीतर आ जाएगी। यह वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ होगी, जिसे पुणे की कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट बना रही है। रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत भारत सरकार अपने नागरिकों को मुफ्रत में टीके लगवाएगी।
सीरम इंस्टिट्यूट आफ इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार ने हमें एक विशेष निर्माण प्राथमिकता लाइसेंस दिया है और ट्रायल प्रोटोकाल की प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है जिससे 58 दिनों में ट्रायल पूरा किया जा सके। इसके तहत फाइनल फेज (तीसरा चरण) में ट्रायल का पहला डोज दिया गया। दूसरा डोज 29 दिनों के बाद दिया जाएगा। फाइनल ट्रायल डेटा दूसरा डोज दिए जाने के 15 दिनों के बाद आएगा। इस अवधि के बाद हम कोविशील्ड को बाजार में लाने की योजना बना रहे हैं।
इससे पहले तीसरे चरण के ट्रायल में कम से कम 7-8 महीने लगने की बात कही जा रही थी। 17 सेंटरों पर 1600 लोगों के बीच यह ट्रायल 22 अगस्त से शुरू हुआ है। हर सेंटर पर करीब 100 वालंटिअर हैं। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि हमारी एक कोविड-19 वैक्सीन कैंडिडेट क्लिनिकल ट्रायल के तीसरे चरण में है। हम पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि इस साल के अंत तक वैक्सीन बनकर तैयार हो जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक यह वैक्सीन सीरम इंस्टिट्यूट की होगी। कंपनी ने एस्ट्राजेनेका नामक कंपनी के साथ एक एक्सक्लूसिव अग्रीमेंट कर अधिकार खरीदे हैं ताकि इसे भारत और 92 अन्य देशों में बेचा जा सके। इसके बदले में सीरम इंस्टिट्यूट कंपनी को रायल्टी फीस देगी। केंद्र सरकार ने पहले ही सीरम को संकेत दे दिए हैं कि वह उससे सीधे वैक्सीन खरीदेगी और भारतीयों को प्रफी में टीका लगवाने की योजना पर काम चल रहा है। केंद्र ने अगले साल जून तक सीरम इंस्टिट्यूट से 130 करोड़ भारतीयों के लिए 68 करोड़ डोज मांगे हैं।
बाकी के लिए माना जा रहा है कि सरकार आईसीएमआर और भारत बायोटेक द्वारा विकसित की जा रही ‘कोवैक्सीन’ और जाइडस कैडिला की वैक्सीन के लिए आर्डर दे सकती है, अगर ये ट्रायल में पूरी तरह सफल हो जाती हैं।
भारत बायोटेक के सीएमडी कृष्णा एल्ला ने कहा है कि वह सुरक्षा और प्रभाव को ध्यान में रखते हुए वैक्सीन बनाने के लिए शार्टकट नहीं अपनाएंगे। उधर सीरम हर महीने 6 करोड़ डोज बनाना शुरू कर रहा है जिसे अप्रैल 2021 तक 10 करोड़ हर महीने तक बढ़ा दिया जाएगा। इसके लिए कंपनी ने 200 करोड़ रुपये खर्च करके अपनी वैक्सीन निर्माण की क्षमता में इजापफा किया है।
सीरम इंस्टिट्यूट आफ इंडिया दुनिया की सबसे बड़ी टीका निर्माता कंपनी है। यह हर साल 1.5 अरब वैक्सीन डोज तैयार करती है जिनमें पोलियो से लेकर मीजल्स तक के टीके शामिल हैं। बिल एवं मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन भी सीरम को करीब 1125 करोड़ रुपये की फंडिग करने को राजी हो गया है, जिससे कंपनी कोविड-19 वैक्सीन के करीब 10 करोड़ डोज बनाए और उसे गरीब देशों में भेजा जा सके। सूत्रों का कहना है कि इससे सीरम को एक डोज की कीमत को 1000 रुपये से अधिक से घटाकर करीब 250 रुपये के आसपास करने में मदद मिलेगी।


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