गुरुवार, 27 अगस्त 2020

शैंपू में हानिकारक केमिकलों की मौजूदगी खतरनाक

शैंपू में मौजूद हानिकारक केमिकल बालों को पहुंचा सकते नुकसान
शैंपू में हानिकारक केमिकलों की मौजूदगी खतरनाक



प0नि0डेस्क
देहरादून। स्वस्थ बालों के लिए हम शैंपू, कंडीशनर, हेयर जेल, सीरम, हेयर ऑयल सहित कई तरह के प्रोडक्ट का इस्तेमाल करते हैं लेकिन क्या मालूम है कि इन उत्पादों में हानिकारक केमिकल मिले होते होते हैं? हर कोई अपने बालों को लंबा, घना और मुलायम बनाने के लिए इन उत्पादों का इस्तेमाल करता है। शैंपू में कौन से केमिकल मौजूद होते हैं!
खूबसूरत बालों से चेहरे की खूबसूरती बढ़ती है। यही कारण है कि स्वस्थ बालों के लिए लोग शैंपू, कंडीशनर, हेयर जेल, सीरम, हेयर ऑयल सहित कई तरह के प्रोडक्ट का इस्तेमाल करते हैं। ये हेयर केयर प्रोडक्ट बालों को मजबूत और स्टाइलिश बनाते हैं लेकिन क्या मालूम है कि इन उत्पादों में हानिकारक केमिकल मिले होते होते हैं।
बाजार में केमिकल युक्त हेयर प्रोडक्ट की भरमार है। इनकी पैकिंग आकर्षक होती है। हर कोई अपने बालों को लंबा, घना और मुलायम बनाने के लिए इन उत्पादों का इस्तेमाल करता है। लेकिन ये प्रोडक्ट बालों को डैमेज कर सकते हैं। जानते हैं शैंपू में कौन से केमिकल मौजूद होते हैं।
पैराबेन- यह एक प्रकार का प्रिजर्वेटिव है जो जो ब्यूटी प्रोडक्ट को लंबे समय तक खराब नहीं होने देता है। ब्यूटिलपैराबेन, प्रोपिलपैराबेन और मेथिलपैराबेन कुछ सामान्य पैराबेन हैं जिनका इस्तेमाल सौंदर्य उत्पादों में किया जाता है। ये त्वचा के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं और हार्माेन एवं जीन को डैमेज कर देते हैं। कुछ पैराबेन कैंसर सहित अन्य गंभीर बीमारियां उत्पन्न करते हैं।
एल्कोहल- एल्कोहल का प्रयोग बहुत से हेयर केयर और ब्यूटी प्रोडक्ट में किया जाता है। एथेनॉल, एसडी एल्कोहल 40, प्रोपिल, आइसोप्रोपिल, प्रोपेनॉल बहुत आम एल्कोहल हैं। एल्कोहल बालों को सूखा और कमजोर बनाता है।
सल्फेट- यह एक तरह का क्लिंजिंग एजेंट है जो गंदगी दूर करने में मदद करता है। इसका इस्तेमाल टॉयलेट क्लिनर, डिटर्जेंट, साबुन आदि में भी किया जाता है। इसके अलावा शैंपू में भी सल्फेट का इस्तेमाल किया जाता है। सल्फेट स्कैल्प को ड्राई करता है और नैचुरल ऑयल सीबम को खत्म कर देता है। जिसके कारण बाल टूटने लगते हैं। शैंपू में सोडियम लौरिल सल्फेट और सोडियम लौरेथ सल्फेट पाया जाता है।
फ्रेगरेंस- ज्यादातर उत्पादों में खूशबू को बढ़ाने के लिए च्ीजींसंजम केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। रिसर्च के अनुसार च्ीजींसंजम के कारण कैंसर, किडनी और फेफड़े डैमेज हो सकता है। इसके अलावा यह रिप्रोडक्टिव सिस्टम पर भी प्रभाव डालता है। चूंकि इस केमिकल का इस्तेमाल प्रोडक्ट की खूशबू के लिए किया जाता है इसलिए यह स्किन और सांस के जरिए शरीर में प्रवेश कर सकता है।
फॉर्मेल्डाइड- यह एक केमिकल है। इसका इस्तेमाल बहुत से ब्यूटी प्रोडक्ट में किया जाता है जो इन्हें खराब होने से बचाता है। इस केमिकल के कारण इंसानों में कैंसर और अस्थमा का खतरा बढ़ रहा है। शैंपू में इस्तेमाल होने वाले रसायनों के प्रभाव से बचने के लिए कम मात्रा में इनका उपयोग करना चाहिए। यदि संभव हो तो नैचुरल शैंपू का इस्तेमाल करें।


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