गुरुवार, 27 अगस्त 2020

तिथि के अनुसार पितृ पक्ष में कब करें किसका श्राद्व

तिथि के अनुसार पितृ पक्ष में कब करें किसका श्राद्व



प0ं चैतराम भट्ट
देहरादून। पितृ पक्ष वर्ष 2020 में 1 सितंबर से प्रारंभ हो रहे हैं। यह वह समय होता है जब पित्तरों का तर्पण और श्राद्व कर्म किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार पित्तरों का श्राद्व उनकी मृत्यु तिथि पर ही करना चाहिए और यदि आप उनकी मृत्यु तिथि नहीं जानते तो आप उनका श्राद्व किस तिथि को कर सकते हैं। इसके अलावा घर की सुहागन स्त्रियों का श्राद्व किस तिथि पर करें। यदि आप भी इसके बारे में जानना चाहते हैं तो आपको श्राद्व पक्ष की प्रत्येक तिथि का महत्व बताएंगे और साथ ही यह भी बताएंगे कि आप पितृ पक्ष में आप कौन सी तिथि पर किसका श्राद्व कर सकते हैं।
शास्त्रों के अनुसार पितृ पक्ष में अपने घर के सभी दिवंगत लोगों का श्राद्व उनकी मृत्यु तिथि पर ही करना चाहिए। मृत्यु तिथि से तात्पर्य उस तिथि से है जो तिथि अंतिम श्वांस परित्याग के समय पर विद्यमान हो। उस तिथि को श्राद्व पक्ष में दोपहर के समय 12ः30 बजे से 1 बजे तक के बीच में श्राद्व कर्म करना चाहिए। अगर आप अपने दिवंगत लोगो की मृत्यु तिथि के बारे में नहीं जानते तो आप उनका श्राद्व सर्वपितृ अमावस्या के दिन कर सकते हैं। 
घर में जिन लोगों की स्वाभाविक और सामान्य मृत्यु चतुर्दशी तिथि को हुई हो। उनका श्राद्व चतुर्दशी तिथि के दिन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। बल्कि त्रयोदशी या अमावस्या के दिन उन लोगो का श्राद्व करना चाहिए। वहीं परिवार में जिन लोगों की अकाल मृत्यु हुई हो तो उनका श्राद्व मृत्यु तिथि वाले दिन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।  इन लोगों को श्राद्व सिर्फ चतुर्दशी तिथि को ही करना चाहिए। चाहें उनकी मृत्यु किसी भी दिन हुई हो। 
घर की सौभाग्यवती स्त्रियों (पति के जीवित रहते ही मरने वाली सुहागन) स्त्रियों का श्राद्व केवल पितृ पक्ष की नवमी तिथि को ही करना चाहिए। चाहें उनकी मृत्यु किसी भी तिथि को क्यों न हुई हो। इसके अलावा सन्यासियों का श्राद्व केवल पितृ पक्ष की द्वादशी तिथि को ही किया जाता है। नाना या नानी का श्राद्व भी केवल पितृ पक्ष की प्रतिपदा तिथि को ही करना चाहिए।


 


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