शुक्रवार, 18 सितंबर 2020

लाकडाउन में अपनायें टेरेस गार्डनिंग, करें स्वरोजगार

लाकडाउन में अपनायें टेरेस गार्डनिंग, करें स्वरोजगार


गंगावली टेरेस गार्डन से श्री सुरेन्द्र बिष्ट के साथ लेखक


- पवन नारायण रावत
गंगोलीहाट। जी हां दोस्तों...। कोविड-19 यानि कि कोरोना महामारी ने सम्पूर्ण भारतवर्ष सहित पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। महानगरों में कार्य करने वाले अधिकतर लोगों का रोजगार उनसे छिन चुका है। उन्हें मजबूरी में अपने घर-गावों की राह पकड़नी पड़ी है। अनेक युवाओं के सामने रोजी रोटी जुटाने की समस्या मुंह बाएं खड़ी है। ऐसे समय में आवश्यकता है ऐसे घरेलू तरीके अपनाने की जिससे कि बिना अधिक धनराशि निवेश किये हुए अपने परिवार के मासिक व्यय को वहन किया जा सके। आज हम ऐसे ही एक तरीके की बात करेंगे जिसे कहा जाता है- टेरेस गार्डनिंग।
इसके लिए हमने बात की गंगोलीहाट निवासी टेरेस गार्डनिंग में विशेष अनुभव रखने वाले एवं गंगावली नर्सरी के संचालक सुरेन्द्र बिष्ट से। बिष्ट द्वारा प्रदान की गयी जानकारियों के आधार पर आइये जानते हैं कि टेरेस गार्डनिंग की शुरुआत कैसे करें और इससे कैसे लाभ उठायें।
कैसे शुरू करें टेरेस गार्डनिंग



अलग अलग प्रकार के गमले...


टेरेस गार्डनिंग शुरू करने के लिए आपको सिर्फ टेरेस या छत की आवश्यकता है। जहां पर धूप आ सके। हां अगर ज्यादा धूप आती है तो आप उस स्थान पर शेड भी लगा सकते हैं ताकि पौधों का तेज धूप से बचाव किया जा सके। सुरेन्द्र बिष्ट के अनुसार आपके पास जितनी भी जगह छत में उपलब्ध हो आप अपनी आवश्यकतानुसार उसका इस्तेमाल कर सकते हैं। उन्होंने स्वयं अपनी छत में लगभग 1200 वर्गफीट जगह में टेरेस गार्डन स्थापित किया है जिसे नाम दिया है- गंगावली टेरेस गार्डन। इसमें गर्मी सर्दी एवं चौमासे समेत पूरे नौ महीने की सब्जी पर्याप्त मात्रा में तैयार हो जाती है। जिसमें आलू, प्याज, मिर्च, धनिया, पुदीना, टमाटर, अदरक, लहसुन, शिमला मिर्च, लौकी, कद्दू, बैगन, राई, सरसों, पालक, गाजर, मूली, करेले, मटर, बंदगोभी, पफूलगोभी, ब्रोकली, एलोवीरा, बीन्स, तोरी एवं अन्य पफलियां आदि अनेक सब्जियां सीजन के अनुसार तैयार होती हैं। इसके अलावा अनेक चिकित्सकीय गुणों से भरपूर पौधे जैसे कि- तुलसी, अश्वगंधा, गिलोय, रोजमैरी, लेमनग्रास आदि के साथ ही आप अपनी पसंद के अनुसार अनेक फूल लगाकर अपने घर को महका सकते हैं।
गमले कैसे तैयार करें



असामी ( तीता ) बैंगन


सबसे पहला कार्य है पौधे तैयार करना। इसके लिये आपको गमले की आवश्यकता होती है। बिष्ट का कहना है कि हमने सिर्फ घरेलू इस्तेमाल हो चुके पुराने डिब्बे, अनाज के कट्टे, सीमेन्ट के कट्टे, थर्माेकोल के बाक्स आदि का इस्तेमाल करके ही गमले तैयार किये हैं। आप अपनी आवश्यकता के अनुसार इन्हें तैयार कर लें। आप मल्टी लेयर तरीके से भी गमले रख सकते हैं। इसमें एक रैक रखी जाती है, जिसमें दो या तीन लेयर में गमले रखे जा सकते हैं। सबसे ऊपरी लेयर का इस्तेमाल हैंगिंग बास्केट के लिए भी किया जा सकता है। इस तरह कम जगह में ज्यादा गमले रखे जा सकते हैं।
मिट्टी कैसे तैयार करें



गंगावली टेरेस गार्डन


गमले तैयार होने के बाद सबसे जरूरी बात है मिट्टी तैयार करना। सुरेन्द्र कहते हैं कि आप मिट्टी अपने हाथों से ही तैयार करें तो यह सबसे बेहतर होगा। इसके लिए आपको सामान्य मिट्टी का ही इस्तेमाल करना चाहिए। गमले में दो भाग मिट्टी एक भाग बालू और एक भाग खाद मिलाकर गमला तैयार हो जाता है। ध्यान रखना चाहिए कि खाद जैविक ही उपयोग करें, इसके लिए गोबर, घरेलू वेस्ट एवं वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग अधिक लाभदायक होता है। बिष्ट बताते हैं कि बरसात के मौसम में अत्यधिक बारिश के कारण गमलों में ऊपरी सतह से मिट्टी बह जाती है अतः अत्यधिक बारिश से गमलों को बचाना चाहिए एवं समय-समय पर उनके ऊपरी हिस्से की मिट्टी अलग कर उसमें जैविक खाद मिलाने का ध्यान रखना चाहिए।
कटिंग का रखें ध्यान



थर्मोकोल के गमले...


गमले में पौधे लगाने के बाद निश्चित समय में उनमें उत्पादन शुरू होता है। इसके लिए उनकी कटिंग भी समय पर जरूरी है। बेहतर उत्पादन के लिए थ्री जी कटिंग जरूरी है। इसमें पौधे के ऊपरी हिस्से की टिप काटी जाती है, उसके उपरान्त शाखा काटी जाती है फिर अंत में अन्य शाखाएं काटी जाती हैं। इसके उपरांत सिर्फ मादा फूल ही आते हैं। फोर जी कटिंग करने पर डबल पफूल आते हैं एवं फाइव जी कटिंग करने पर चार या पांच तक फूल आते हैं। इस प्रकार पैदावार बढ़ जाती है। पर साथ ही इसमें मिट्टी में पोषक तत्वों का विशेष ख्याल रखना जरूरी है। जिससे कि पौधे को सही मात्रा में पोषण प्राप्त होता रहे।
ये सावधानी बरतें



हरी सब्जियाँ...


टेरेस गार्डनिंग में क्योंकि पौधे खुले में रहते हैं इसलिए अत्यधिक धूप एवं बारिश से जरूरी बचाव अवश्य करें। 
प्रतिदिन सुबह शाम अथवा कम से कम एक बार नियमित तौर पर सभी पौधों का निरीक्षण अवश्य करें। अगर किसी में कोई कमी या समस्या नजर आये तो उसका उचित निवारण कर दें।
पौधों में पानी की पर्याप्त मात्रा का ध्यान रखें। 
बरसात में बारिश एवं नमी अधिक होने के कारण गमले में मिट्टी एवं पोषक तत्वों का विशेष ध्यान रखें।
टेरेस गार्डनिंग के फायदे



पुदीने का फूल


गंगावली टेरेस गार्डनिंग से हुए फायदों के बारे में सुरेन्द्र बिष्ट कुछ इस प्रकार बताते हैं- पेड़ कटने से जंगल कम एवं कंक्रीट के जंगल लगातार बढ़ते जा रहे हैं, ऐसे में टेरेस गार्डनिंग हम सबकी प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी भी है।
आजकल घरों में कम स्थान होने की वजह से खेती एवं हरियाली कम हो गयी है। जिसकी भरपायी टेरेस गार्डनिंग से की जा सकती है।
संरक्षित खेती की जा सकती है। जैसे कि गंगावली टेरेस गार्डन में असम के बैगन (तीता बैंगन), इजराइल के टमाटर , देहरादून की स्ट्राबेरी आदि का उत्पादन किया गया है। 
शुद्व ताजा सब्जियां हर मौसम में प्राप्त हो जाती हैं।
पर्यावरण को संरक्षित करने में व्यक्तिगत भूमिका निर्वहन की जा सकती है।
हरियाली के बीच रहने पर मानसिक तनाव कम होता है।


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