शनिवार, 12 सितंबर 2020

रिस्पना नदी में खनन और प्रदूषण पर मैड ने सरकार को घेरा

रिस्पना नदी में खनन और प्रदूषण पर मैड ने सरकार को घेरा
संवाददाता
देहरादून। मेकिंग ए डिफरेंस बाय बीइंग द डिफरेंस (मैड) की ओर से रिस्पना नदी में चल रहे अवैध खनन के मुद्दे पर सरकार से कार्यवाही करने की मांग की गयी। गौरतलब है कि मैड संस्था की ओर से एक वीडियो भी जारी की गयी है, जिसमें दिखाया गया है कि आधे-अधूरे निर्मित रिवरप्रफंट डेवलपमेंट प्रोग्राम की दीवारों के बीच आम जनमानस की आंखों से दूर बेइंतेहा खनन की कार्यवाही पूरे लाकडाउन में भी गतिमान रही है। 
संस्था के अनुसार उसके द्वारा तरला नागल क्षेत्र में किए गए वृक्षारोपण अभियान के बाद जब एक टुकड़ी को नदी के क्षेत्रों पर भेजा गया। यह देखने के लिए कि उसके बहाव की स्थिति क्या है। यहां पाया गया कि नदी में प्रदूषण एवं प्लास्टिक की मात्रा जस की तस हैं और रिवरप्रफंट डेवलपमेंट के आधे-अधूरे निर्माण की वजह से नदी के बीचो-बीच दो खंडहर जैसी दीवारें कुछ क्षेत्रों में खड़ी की गई है।
संस्था ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के हिंचलाल तिवारी बनाम कमला देवी के निर्णय के क्रम में इस तरीके के नदी के तल पर निर्माण अवैध है। लेकिन मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण, मसूरी देहरादून विनाश प्राधिकरण की भूमिका में आकर रिस्पना नदी का दुश्मन बना हुआ है। 
मैड ने रिस्पना से ़ऋषिपर्णा अभियान पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि केवल भाषणबाजी से नदी का पुनर्जीवन काल्पनिक हो सकता है। जहां एक और बड़े-बड़े नारे दिए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर धरातल पर बेहतरी के लिए तो कुछ नहीं, दुर्गति के लिए खनन, रिवरप्रफंट, अतिक्रमण जैसे मुद्दों पर सरकार ने जानबूझकर चुप्पी साधी हुई है। 
मैड की ओर से बताया गया कि सरकार को अगर रिस्पना पुनर्जीवन मे कोई रुचि नहीं है तो इस बात सभी के सामने स्पष्ट करना चाहिए। केवल खोखले नारों से युवाओं को गुमराह करने की कोशिश नहीं होनी चाहिए। गौरतलब है कि विगत 9 वर्षों से मैड दो बार केंद्रीय मंत्रियों के स्तर से रिस्पना पुनर्जीवन पर भारत सरकार का दखल ले चुका है। 
एक बार यहां केंद्रीय जल संसाधन मंत्री हरीश रावत द्वारा 2014 में दखल हुआ। जब मैड की ओर रिस्पना पुनर्जीवन पर राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान रुड़की की शोध का अनुरोध किया गया था। वहीं दूसरी ओर 2016 में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावेडकर ने रिस्पना नदी को गंगा रिवर बेसिन का भाग घोषित किया था।


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