मंगलवार, 1 सितंबर 2020

सेना की यूनिफार्म में बदलाव के लिए सैंपल रिव्यू

सेना की यूनिफार्म में बदलाव के लिए सैंपल रिव्यू



बदलती आपरेशनल जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बदलाव की प्रकिया
एजेंसी
नई दिल्ली। सेना की यूनिफार्म में बदलाव की प्रक्रिया आगे बढ़ी है। सेना की काम्बेट यूनिफार्म सहित सभी तरह की यूनिफार्म को ज्यादा आरामदायक और स्मार्ट बनाने के लिए इंडस्ट्री से सैंपल मंगाए गए और इन दिनों चुनिंदा सैंपलों का रिव्यू चल रहा है। बदलाव की कवायद के पीछे यूनिफार्म को ज्यादा आरामदायक बनाने के साथ ही अधिकारियों की यूनिफार्म में एकरूपता लाना है ताकि ब्रिगेडियर और इससे ऊपर के अधिकारियों में यूनिफार्म से यह पता न चले कि वह किस आर्म्स और रेजिमेंट के हैं।
सैन्य सूत्रों के मुताबिक बदलती आपरेशनल जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यूनिफार्म में बदलाव की प्रकिया शुरू की गई। इसका मकसद यूनिफार्म को आरामदायक बनाना भी है क्योंकि वक्त के साथ ही टेक्सटाइल टेक्नालजी भी बदल गई है और अब कई तरह के विकल्प मौजूद हैं। सूत्रों के मुतााबिक सेना की काम्बेट ड्रेस, समर और विंटर की रेगुलर ड्रेस, सेरिमोनियल ड्रेस, मेस की ड्रेस सभी में बदलाव की कोशिश की जा रही है। जिन सैंपलों का रिव्यू चल रहा है उनमें फैब्रिक के साथ ही डिजाइन का कंफर्ट लेवल भी देखा जा रहा है। अलग अलग सैंपल में तुलना कर जो सबसे बेहतर लगेगा उसे पिफर आगे बढ़ाया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक यूनिपफार्म के पफैब्रिक में बदलाव होगा। साथ ही डिजाइन और पैटर्न में भी कुछ बदलाव हो सकता है। काम्बेट ड्रेस में बेल्ट हो या नहीं यह भी देखा जा रहा है। इसके अलावा ब्रिगेडियर और इससे ऊपर के रैंक के अधिकारियों की यूनिपफार्म से यह पता न चले कि वह किस आर्म्स और रेजिमेंट के हैं, इसकी कोशिश भी की जा रही है। शुरुआत मेस ड्रेस से हो सकती है। आर्मी की किसी भी पफार्मल या इनफार्मल सोशल गैदरिंग में सैन्य अधिकारी मेस ड्रेस पहनते हैं।
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक अभी मेस ड्रेस में पहने जाने वाले कमरबंद से इसका पता चल जाता है कि कौन अधिकारी इंप्रफेंट्री के हैं, कौन आर्टिलरी के, कौन एयर डिपफेंस के या किसी और आर्म्स के। इसी तरह अधिकारी किस रेजिमेंट के हैं यह भी मेस ड्रेस के कमरबंद में लगे क्रेस्ट और टोपी से पता चल जाता है। बदलाव के बाद कर्नल रैंक तक के अधिकारियों का तो रेजिमेंटल कमरबंद होगा लेकिन ब्रिगेडियर और इससे ऊपर रैंक के अधिकारियों का एक जैसा ही काले रंग का कमरबंद हो सकता है जिसमें भारतीय सेना का क्रेस्ट लगा हो सकता है। टोपी में भी इसी तरह के बदलाव हो सकते हैं। मेस ड्रेस में सैन्य अधिकारी के रैंक का पता लगेगा, उसमें रिबन लगे होंगे और नेम प्लेट होगी। लेकिन किस रेजिमेंट के और किस सर्विस के हैं यह पता नहीं लगेगा। इस बदलाव के पीछे मकसद यह भी है कि सेना एक लगे न कि रेजिमेंट में बटी हुई दिखे।


 


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