सीआईआई उत्तराखंड वर्चुअल कांप्रफेंस का उद्घाटन सत्र
उत्तराखंड प्राकृतिक रूप से जैविक राज्य, प्रमाणन से किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्ति में मदद मिलेगीः सुबोध उनियाल
संवाददाता
देहरादून। कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने सीआईआई उत्तराखंड वर्चुअल कांप्रफेंस के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में कहा कि उत्तराखंड स्वाभाविक रूप से जैविक राज्य है, प्रमाणन से किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्ति में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर्वतीय क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता की समस्याओं को दूर करने के लिए कम पानी के साथ अधिक फसल उत्पादन के लिए ड्रिप सिंचाई को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने बताया कि ईएनएएम (नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट पोर्टल) में राज्यों की हिस्सेदारी (2017-18) में 17 फीसदी से बढ़कर (2018-19) में 22 फीसदी हो गई है।
भारत सरकार के कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव पीके स्वेन ने कहा कि उत्तराखंड कृषि केंद्रित राज्य है, जिसकी 75 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है। भारत 15 कृषि जलवायु क्षेत्रों के लिए प्रसिद्व है और उत्तराखंड में इन जलवायु क्षेत्रों में से 4 हैं जो इसे भारत का सबसे उपयुक्त राज्य बनाता है।
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड पहला राज्य है जिसने सब्जियों के लिए उत्तर प्रदेश के साथ अंतरराज्यीय व्यापार शुरू किया है। स्वेन ने तीन नए अधिनियमित कृषि और कृषि कानूनों के लाभों के बारे में भी बात की और कैसे ये कानून किसानों के लिए नए अवसर खोल सकते हैं और बेहतर बाजार कनेक्ट के माध्यम से अपनी आय में वृद्वि कर सकते हैं।
सीआईआई उत्तराखंड राज्य परिषद के पूर्व अध्यक्ष डा0 विजय धस्माना ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग समय के साथ विकसित हो रहा है। परंपरागत रूप से खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का मुख्य उद्देश्य संरक्षण और स्थिरीकरण था, आज स्वास्थ्य पहलुओं, स्वाद और स्वाद, पोषण, टिकाऊ उत्पादन, खाद्य सुरक्षा और सुरक्षा को बढ़ाने और उपभोक्ताओं की बढ़ती मांग के लिए अधिक विविधता सुनिश्चित करने के लिए भी ध्यान केंद्रित किया गया है।
उद्घाटन सत्र में धन्यवाद प्रस्ताव करते हुए सीआईआई उत्तराखंड राज्य परिषद के अध्यक्ष और विंडलास बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अशोक विंडलास ने राज्य में कृषि, बागवानी और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विकास के लिए सर्वाेत्तम प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की। सीआईआई उत्तराखंड के उपाध्यक्ष और इंडो जर्मन ब्रेक के एमडी विपुल डावर ने खाद्य सुरक्षा और पोषण सुरक्षा में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की भूमिका पर सत्र को मध्यस्थता करते हुए कहा कि चल रही महामारी के दौरान सुरक्षित और स्वस्थ प्रसंस्कृत भोजन की आवश्यकता दृढ़ता से महसूस की गई है और कठिन समय के दौरान कई लोगों के लिए एक उद्वारकर्ता रहा है।
जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के खाद्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख डा0 एसके शर्मा ने साझा किया कि उद्योग को राज्य की बेरोजगार फसलों जैसे सीबकथर्न और राज्य की स्थानीय चावल किस्मों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। रुद्रपुर प्लांट के एसोसिएट डायरेक्टर संतोष मणि ने साझा किया कि सुरक्षित खाद्य उत्पादन के लिए प्रोसेसिंग सिस्टम, उपकरण और खाद्य हैंडलिंग पर नियंत्राण की जरूरत है।
वर्चुअल मोड में सत्रों में उद्योग, संस्थानों, सरकार और शिक्षा जगत के 250 से अधिक प्रतिनिधियों ने अच्छी तरह से भाग लिया।