सोमवार, 7 दिसंबर 2020

सम्बन्धों की दुहाईः एक और परेशानी

 सम्बन्धों की दुहाईः एक और परेशानी



ईश्वरी प्रसाद पाठक 

जयपुर। दुख-तकलीफ और कष्ट जैसे भी मानें कमनसीब लोगों का पीछा नहीं छोड़ते। भले ही वह जहां कहीं रहें। लेकिन दूसरी ओर नेकदिली, साफगोई और अर्जित की हई इमेज हर जगह काम आती है। दरअसल करीब डेढ़ साल बाद आज दोपहर घर पहुंचा तो जूते मोजे उतार, कपड़े चेंज कर हाथ पैर धेए। बिजली के खटके ऑन किए तो लाइट नहीं थी। 

कुछ देर इंतजार कर पड़ोस में पूछा तो उनके घर लाइट थी। स्विच बोर्ड और मीटर की फोटो हरीश को भेजकर पूछा कि स्विच कैसे किए थे और अब कैसे करने होंगे? उसकी बात भी समझ में नहीं आई। स्व0 पिताजी की लाठी से खंबे का का केबल भी हिलाया। लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा। इतने में ध्यान आया कि उत्तराखंड बिजली बोर्ड के एसडीओ पवन रावत अभी यहीं है। 

तुरंत उनको अपनी प्राब्लम बताई तो थोड़ी देर में एक कर्मचारी भेजकर काम करा दिया। पिछले साल जयपुर में रहते इन्हीं रावत जी से गांव में घर के आगे तिरछा हुआ पोल सीधा करवाया था। यानि हम जयपुर में, एसडीओ रावत देहरादून के और काम गंगोलीहाट गांव में। यानि जरूरत के वक्त पुराने सम्बन्ध ही काम आए।

माईगव हेल्पडेस्क पर डिजिलाकर सेवाओं का उपयोग

  माईगव हेल्पडेस्क पर डिजिलाकर सेवाओं का उपयोग व्हाट्सएप उपयोगकर्ता $91 9013151515 पर केवल नमस्ते या हाय या डिजिलाकर भेजकर कर सकते है चैटबाट...