बुधवार, 6 जनवरी 2021

इंसानों के लिए जानलेवा हो सकता है बर्ड फ्लू

इंसानों के लिए जानलेवा  हो सकता है बर्ड फ्लू



प0नि0डेस्क

देहरादून। देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू से हजारों पक्षियों के मरने की पुष्टि हो चुकी है। कई राज्यों में अलर्ट जारी हो गया है। पोल्ट्री फॉर्म के उत्पाद नहीं खाने की सलाह दी गई है। ये बीमारी इंसानों तक भी पहुंच सकती है। ये जानलेवा भी हो सकती है। 

हिमाचल प्रदेश, केरल, राजस्थान में बर्ड फ्लू के चलते हजारों पक्षी मर गए। हिमाचल में इस मौसम में प्रवासी पक्षी बहुतायत में कांगड़ा और आसपास के इलाकों में आते हैं। आंकड़े करीब 2300 पक्षियों के मौत की पुष्टि कर रहे हैं। इसके बाद राज्य सरकार ने कई इलाकों के पक्षियों को मारने के लिए आदेश दिए हैं।

केरल में 2-3 दिनों में 12000 से ज्यादा बत्तख केवल दो जिलों कोट्टायम और अलप्पुझा में मर चुकी हैं। इस राज्य में हर साल ही बर्ड फ्लू की मार पड़ती है। वहां भी राज्य सरकार कई प्रभावित इलाकों में पक्षियों को मार रही है। राजस्थान में भी 500 के आसपास पक्षी मारे गए हैं। मध्य प्रदेश राज्य में भी अलर्ट जारी हो गया है। सरकार कहना है कि बर्ड फ्लू से एच5एन8 और कई अन््य तरह के वायरस एंफ्लुएंजा का खतरा है।

बर्ड फ्लू को एवियन एंफ्लुएंजा भी कहते हैं। ये एक तरह का वायरल इंफेक्शन है, जो पक्षियों से मनुष्यों को भी हो सकता है। जो जानलेवा भी हो सकता है.

इसका सबसे आम रूप एच5एन1 एवियन एंफ्लुएंजा कहलाता है। ये बेहद संक्रामक है। समय पर इलाज न मिलने पर जानलेवा हो सकता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन यानि डब्ल्यूएचओ के मुताबिक सबसे पहले एवियन एंफ्लुएंजा के मामले साल 1997 में दिखे। संक्रमित होने वाले लगभग 60 प्रतिशत लोगों की जान चली गई।

एवियन एंफ्लुएंजा वायरस एच5एन1 को बर्ड फ्लू का सबसे बड़ा कारण माना जाता है। ये वायरस पक्षियों के साथ ही इन्सानों के लिए भी खतरनाक होता है। इन्सानों में इसके लक्षण सामान्य होते हैं, इसमें सर्दी, जुकाम, सांस में तकलीफ और बार-बार उल्टी आने जैसी दिक्कतें होती हैं।

इसके वायरस वहीं फैलते हैं जहां पक्षियों की काफी तादाद होती है। इनके संपर्क में जो भी आता है, उसमें सांस के जरिए वायरस शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।

बर्ड फ्लू की कई किस्में होती हैं। इनमें 05 वायरस होते हैं। यह एच7एन3, एच7एन7, एच7एन9, एच9एन2 और एच5एन1 है। इसमें एच5एन1 सबसे खतरनाक वायरस होता है। हर बार इसके वायरस स्ट्रेन बदलते रहते हैं। इनकी दो प्रापर्टीज होती हैं। इनमें एंटीजेनिक शिफ्ट और एंटीजेनिक डिफ़ट शामिल होता है।

बर्ड फ्लू इतना खतरनाक है कि कब महामारी का रूप ले ले कोई कह नहीं सकता। ये बीमारी संक्रमित मुर्गियों या अन्य पक्षियों के करीब रहने से ही फैलती है। अगर बर्ड फ्लू का वायरस मुर्गियों में भी पाया गया, तो यह सबसे बड़ा खतरा बन जाएगा। मुर्गियों से इंसानों में वायरस फैलने की अधिक संभावना रहती है।

बर्ड फ्लू के लक्षण भी सामान्य फ्लू जैसे ही होते हैं सांस लेने में समस्या और हर वक्त उल्टी होने का एहसास इसके खास लक्षण है। इसके अलावा हमेशा कफ रहना, नाक बहना, सिर में दर्द रहना, गले में सूजन, मांसपेशियों में दर्द, दस्त होना, हर वक्त उल्टी सा महसूस होना, पेट के निचले हिस्से में दर्द रहना, सांस लेने में समस्या, सांस ना आना, निमोनिया, आंख में कंजंक्टिवाइटिस जैसे लक्षण भी रहते है।

बर्ड फ्लू से बचने के लिए संक्रमित पक्षियों से दूर रहें, खासकर मरे पक्षियों से बिल्कुल दूर रहें। बर्ड फ्लू का संक्रमण अगर फैला है तो नॉनवेज ना खाएं। नॉनवेज खरीदते समय साफ-सफाई पर नजर रखें। संक्रमण वाले एरिया में कोशिश करें कि ना जाएं, अगर जाएं तो मास्क पहनकर जाएं।

बर्ड फ्लू का इलाज एंटीवायरल ड्रग ओसेल्टामिविर (टैमीफ्लू) और ज़ानामिविर (रेलेएंजा) से किया जाता है। इस वायरस को कम करने के लिए पूरी तरह आराम करना चाहिए। हेल्दी डायट लेनी चाहिए जिसमें अधिक से अधिक लिक्विड हो। बर्ड फ्लू अन्य लोगों में ना फैले इसके लिए मरीज को एकांत में रखना चाहिए।


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