गुरुवार, 21 जनवरी 2021

देश में सड़क सुरक्षा पर गंभीरता नही

 देश में सड़क सुरक्षा पर गंभीरता नही



प0नि0ब्यूरो

देहरादून। देश में रोजाना करीब 415 लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवाते है। कानून की सख्ती और जुर्माने के बावजूद लोग सड़क सुरक्षा को गंभीरता से नहीं लेते है। हमारे यहां सड़कों पर मोटर साइकिल और कार फर्राटे भरती है इन्हें चलाने वाले अधिकतर लोग अक्सर ट्रैफिक नियमों को तोड़ने से बाज नहीं आते हैं। आधी रात के बाद हाईवे हो या शहर की सड़कें, इन पर बड़े वाहन का तेज रफ्रतार से चलने है। नाबालिगों के गाड़ी चलाने के दौरान जानलेवा हादसे के मामले भी चिंता का विषय है।

सड़क पर होने वाले दर्दनाक हादसों और बिखरते परिवारों के बीच देश में 18 जनवरी से पहली बार सड़क सुरक्षा महीने की शुरूआत हुई है। लोगों को सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूक करने और सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से इस साल सड़क सुरक्षा सप्ताह की जगह सड़क सुरक्षा माह का आयोजन किया जा रहा है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग और एमएसएमई मंत्राी नितिन गडकरी के अनुसार इन सड़क दुर्घटनाओं में मरने वाले लोगों से देश को जीडीपी के 3.14 पफीसदी के बराबर सामाजिक-आर्थिक नुकसान होता है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में हर साल सड़क दुर्घना में करीब 1.5 लाख लोगों की मौत होती है, जबकि 4.5 लाख लोग घायल होते हैं। सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाले 70 पफीसदी लोग 18-45 वर्ष के आयु वर्ग में आते हैं। नीतिगत सुधारों और सुरक्षित प्रणाली को अपनाकर वर्ष 2030 तक सड़कों पर सड़क दुर्घटनाओं को शून्य करने की दिशा में सरकार ने कई अहम कदम उठाए हैं।

तेज गति, कार चलाने के दौरान सीट बेल्ट का इस्तेमाल नहीं करना, गाड़ी चलान के दौरान मोबाइल पर बात करना, शराब पीकर गाड़ी चलाना, मोटर साइकिल चालक और सवारी का हेलमेट नहीं लगाना कई बार हादसे का कारण बनता है। हादसे का एक और मुख्य कारण है-गलत दिशा में गाड़ी चलाना, समय बचाने के लिए चालक कई बार गलत दिशा में गाड़ी चलाता है और सामने से आने वाली गाड़ियों से उसकी गाड़ी टकरा जाती है। 

राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक साल 2019 में 4,37,396 सड़क दुघर्टनाएं हुईं। इन हादसों में 1,54,732 लोगों की मौत हुई जबकि 4,39,262 अन्य लोग घायल हुए। आंकड़ों के मुताबिक 59.6 फीसदी हादसे ओवर स्पीडिंग के कारण हुए और 86,241 लोगों की मौत हुई जबकि 2,71,581 लोग घायल हुए। तमाम सरकारी कोशिशों के बावजूद सड़क हादसों में लगाम नहीं लग पा रहा है और यह साल दर साल बढ़ रहे हैं। वर्ष 2018 में सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या जहां 1,52,780 थी, वहीं ये आंकड़ा 2017 में 1,50,093 था।

वर्ष 2019 में मोटर व्हीकल कानून में संशोधन किया गया था जिसके बाद ट्रैपिफक नियमों को तोड़ने वालों पर भारी जुर्माना लगाना मुमकिन हो पाया। कानून में संशोधन का मकसद लोगों में ट्रैफिक नियमों को तोड़ने को लेकर भय पैदा था क्योंकि इससे पहले तक जुर्माने की राशि बहुत कम होती थी। संशोधित कानून के मुताबिक कुछ नियमों को तोड़ने पर जुर्माना कई गुना तक बढ़ा दिया गया था। हादसों और मृतकों की संख्या देखने पर लगता है कि अब भी लोग कानून को लेकर गंभीर नहीं हैं।


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