जिसकी तलाश, वह आपके अंदर मौजूद
- प्रेम रावत
मेरा संदेश सिर्फ शब्दों तक ही सीमित नहीं है। मैं आपको आपके अंदर स्थित उस परम शांति का अनुभव करा सकता हूं। मेरा संदेश न नया है, न पुराना। यह समय से परे की बात है। जिस शांति, जिस संतुष्टि को आपको तलाश है, वह हमेशा आपके अंदर थी, है और रहेगी। जो लोग उस परम शांति को पाने की इच्छा रखते हैं, मैं उनका हर संभव मदद करना चाहता हूं और मैं ये कर सकता हूं।
(पीएस नेगी)
अब लिंक का इंतजार कैसा? आप सीधे parvatiyanishant-page पर क्लिक कर खबरों ,वं लेखों का आनंद ले सकते है।