बिजली काटने जाओ और पिटके आओ
बिजली कर्मियों पर हो रहे हमलों पर यूपीजेई एसोसिएशन ने चिंता जताई
संवाददाता
देहरादून। उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन के आजीवन संरक्षक जीएन कोठियाल ने क्षेत्रों में अवर अभियंता सहित अन्य कार्मिकों पर असामाजिक तत्वों द्वारा किये जा रहे हमलों पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने चिन्यालीसौड़ के कोटगाँव एवं दिनेशपुर के पत्थरकुई में यूपीसीएल की टीम पर हुए हमलों की कड़ी निंदा की है। उन्होंने दोषियों को तुरन्त गिरफ्तार करने एवं उनके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही किये जाने की माँग की है।
अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए यूपीजेईए के आजीवन संरक्षक जीएन कोठियाल ने कहा कि एक तरफ प्रबन्ध निदेशक यूपीसीएल द्वारा क्षेत्रों में एई एवं अन्य उच्चाधिकारियों के वेतन को राजस्व वसूली एवं एटीसी हानियों से जोड़ने के निर्देश जारी किये गये हैं, वहीं दूसरी तरफ जब क्षेत्रों में जेई, एसडीओ एवं लाइन स्टाफ राजस्व वसूली एवं बिजली चोरी पर कार्यवाही करने क्षेत्रों में जा रहे हैं तो असामाजिक तत्वों द्वारा उन पर जानलेवा हमला किया जा रहा है साथ ही उल्टे बेबुनियाद इल्ज़ाम लगाकर थानों में रिपोर्ट दर्ज करवाई जा रही है। इससे क्षेत्रों में तमाम संसाधनों के अभाव में ड्यूटी कर रहे कार्मिक अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं एवं उनका मनोबल लगातार गिर रहा है।
उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि ऐसी घटनाएँ पूर्व में भी हो चुकी हैं परन्तु प्रबन्धन की चुप्पी के कारण लगातार इनकी पुनरावृति हो रही है। वहीं पहले से ही संसाधनों की कमी झेल रहे कार्मिकों के सामने दुविधा की स्थिति उत्पन्न हो गयी है कि अगर राजस्व वसूली पर गये तो असामाजिक तत्वों द्वारा जानलेवा हमले और झूठी रिपोर्ट दर्ज की जा रही है और अगर राजस्व वसूली नहीं हुई तो प्रबन्धन द्वारा वेतन काटने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि एसोसिएशन लम्बे समय से प्रबन्धन से क्षेत्रों में कार्मिकों एवं संसाधनों की कमी को पूरा किये जाने की माँग करता रहा है परन्तु प्रबन्धन इस पर टालमटोल की नीति ही अपनाता रहा है। हाल ही में प्रबन्धन से एसोसिएशन की वार्ता में भी क्षेत्रों में अवर अभियंता एवं अन्य कार्मिकों की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया गया था।
उन्होंने कहा कि दिनेशपुर में विजिलेंस टीम के सामने ही कार्मिकों के साथ अभद्रता की गयी जिसकी रिपोर्ट दर्ज कराए जाने के बावजूद आज तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की गयी है, जिसके विरोधस्वरूप सम्बन्धित कार्यालय के कार्मिक कार्य बहिष्कार पर हैं परन्तु प्रबन्धन द्वारा इस पर अपने स्तर से किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गयी है। इसी प्रकार कोटगाँव की घटना पर भी प्रबन्धन मूकदर्शक बना हुआ है।
इस पर रोष व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि प्रबन्धन पहले क्षेत्रों के कार्मिकों पर राजस्व वसूली को लेकर दबाव बनाता है और जब क्षेत्रों में अपनी ड्यूटी कर रहे अवर अभियंता एवं अन्य कार्मिकों के साथ दुर्व्यवहार होता है तो प्रबन्धन चुप्पी साध लेता है जोकि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने प्रबन्धन से दोनों मामलों में अपने स्तर से दोषियों के विरुद्ध तुरन्त ही आवश्यक कार्यवाही किये जाने की माँग की। उन्होंने यह भी माँग की कि राजस्व वसूली में लगे कार्मिकों को प्रबन्धन द्वारा आवश्यक सुरक्षा मुहैया कराई जाए एवं उनके विरुद्ध असामाजिक तत्वों द्वारा जो बेबुनियाद रिपोर्ट दर्ज करवायी गयी हैं उन पर निगम प्रबन्धन द्वारा अपने स्तर से ठोस कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं किये जाने पर एसोसिएशन को अपने सदस्यों की सुरक्षा के लिए आंदोलनात्मक गतिविधि प्रारम्भ करने को बाध्य होना पड़ेगा जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी निगम प्रबन्धन की होगी।
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