पोटेशियम की कमी से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं
शरीर को हो सकती हैं बीमारियां, इसकी कमी के लक्षण और उपाय
प0नि0डेस्क
देहरादून। पोटेशियम ऐसा मिनरल यानी खनिज पदार्थ है जो शरीर के कई अहम कार्यों के लिए जरूरी है। इसकी कमी से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। पोटेशियम मांसपेशियों को विकसित करने, शरीर में पानी का संतुलन बनाए रखने और तंत्रिकाओं को स्वस्थ रूप से काम करने में सहायक है। किडनी शरीर का ऐसा मुख्य अंग है जो पोटेशियम की मात्रा को नियंत्रित करती है और अतिरिक्त को पेशाब के जरिए शरीर से बाहर निकाल देती है।
डाक्टरों के मुताबिक एक शरीर को रोजाना 47000 मिलीग्राम पोटेशियम की जरूरत होती है। पोटेशियम की कमी से हाइपोकैलिमिया नामक गंभीर बीमारी का खतरा शरीर को रहता है। साथ ही मानसिक रोग के होने की संभावना भी बढ़ जाती है। चूंकि पोटेशियम दिल दिमाग और मांसपेशियों को सुचारू रूप से चलाने का कार्य करते हैं। इसीलिए पोटेशियम का शरीर में संतुलित मात्रा में होना बेहद अनिवार्य है।
पोटेशियम की कमी से शरीर में जो लक्षण दिखते हैं, उसे समय से पहचानकर शरीर में पोटेशियम की मात्रा को संतुलित रखा जा सकता है। दिल की धड़कन के तेज होने के तो बहुत से कारण हैं, पोटैशियम की कमी भी इसका एक कारण माना जाता है। रक्त में पोटेशियम की मात्रा घट जाने से दिल के धड़कने में बाधा उत्पन्न होती है। इसलिए कहा जाता है कि पोटेशियम दिल के धड़कन को सामान्य रखने में सहायक होता है।
रक्त के ठीक ढंग से चलने के लिए पोटेशियम मदद करता है। पोटैशियम की कमी से रक्त वाहिकाओं पर दबाव पड़ता है और ब्लड प्रेशर बाधित होती है। शरीर को संतुलित आहार न मिलने से थकान बनी रहती है। पोषक तत्वों के कमी से मांस पेशियों का लचीलापन खो जाता है और मांसपेशियां सख्त हो जाते हैं। जो शरीर के थकान का कारण बनती हैं।
भोजन में सभी पोषक तत्वों का होना अनिवार्य है। पोटेशियम की मात्रा कम होने से शरीर में लैक्टिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। जो कमजोरी का कारण बनती है। अधिक तनाव से डिप्रेशन होता है और इसका एक प्रमुख कारण पोटैशियम की कमी है। इंसोमेनिया एक खास तरह की बीमारी है जो नींद नहीं आने की वजह से होती है। अर्थात नींद का न आना पोटेशियम की कमी का पुख्ता संकेत है।
सोडियम की मात्रा बढ़ने से पोटेशियम की कमी हो जाती है। जिससे दिल की बीमारी के खतरे बने रहते हैं। फास्ट फूड का कम सेवन करना चाहिए जिससे सोडियम की मात्रा कंट्रोल रहे। यदि शरीर को उपरोक्त संकेत मिले तो पोटैशियम के स्त्रोत वाले आहार का सेवन करें।
पोटैशियम का सबसे अच्छे स्त्रोत आलू, हरी सब्जियां माने जाते हैं। इनके अलावा मछली, अनाज, मशरूम, दही भी अच्छे स्त्रोत हैं। फलों की बात की जाए तो केला और संतरा पोटैशियम से भरपूर आहार हैं।
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