मंगलवार, 5 जनवरी 2021

उपभोक्ताओं के हितों और अधिकारों की रक्षा के लिए

 केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरणः उपभोक्ताओं के हितों और अधिकारों की रक्षा के लिए निरंतर कर रहा कार्य



प0नि0ब्यूरो

देहरादून। अपनी स्थापना के बाद केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) उपभोक्ताओं के हितों और अधिकारों के संरक्षण के लिए सक्रियता से कार्य कर रहा है। अधिनियम के तहत सीसीपीए के कार्यों में से एक है- उन मामलों की समीक्षा करना जो उपभोक्ता अधिकारों को सीमित करते हैं। इनमें उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए किसी भी अन्य कानून द्वारा प्रदत्त सुरक्षा उपाय भी शामिल हैं। इसके अलावा प्राधिकरण उपभोक्ता अधिकारों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए उपायों की अनुशंसा भी करता है।

यह देखते हुए कि कोविड-19 महामारी के दौरान उपभोक्ताओं को गुमराह करने के लिए कुछ उपभोक्ता वस्तुओं/उत्पादों से संबंधित भ्रामक विज्ञापन जारी किए जा रहे हैं, सीसीपीए ने स्वतः संज्ञान लेकर जल को स्वच्छ बनाने, पेंट्स, फर्श क्लीनर, परिधान, कीटाणुनाशक, फर्नीचर जैसे क्षेत्रों की कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। सीसीपीए की कार्रवाई निश्चित रूप से बेईमान व्यापारियों को सस्ते वाणिज्यिक लाभ के लिए उपभोक्ताओं की भावनाओं का फायदा उठाने के लिए भ्रामक विज्ञापन देने पर लगाम लगाएगी। अतिरिक्त किराये के रिफंड के संबंध में अनुचित व्यापार व्यवहार करने के लिए कैब एग्रीगेटर्स को भी नोटिस जारी किए गए हैं।

सीसीपीए उपभोक्ताओं के हितों और अधिकारों के संरक्षण की दिशा में काम करना जारी रखेगा। राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन में प्राप्त उपभोक्ता शिकायतों के विश्लेषण पर सीसीपीए ने हाल ही में उपभोक्ताओं द्वारा आईएमपीएस, यूपीआई जैसी अंतर-बैंकिंग सेवाओं का उपयोग करते समय विफल/रद्द किए गए लेन-देन का मामला उठाया है, जहां उपभोक्ता को धन वापस नहीं किया गया है, या इस तरह के दावों के निपटान के लिए क्षेत्र के नियामक, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए तय की गयी समय सीमा का पालन नहीं किया गया है।  

सीसीपीए ने बीमा नियामक  इरडा (आईआरडीएआई) से कहा कि वह उपभोक्ताओं द्वारा दावा राशि प्राप्त करने में हो रही देरी पर ध्यान दे और बीमा कंपनियों के साथ उपभोक्ता शिकायतों के समाधान के लिए आईआरडीएआई पॉलिसीधारक हित संरक्षण विनियम, 2017 में निर्धारित समय सीमा का पालन करे।

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण को उपभोक्ताओं के अधिकारों के उल्लंघन, अनुचित व्यापार व्यवहार और झूठे या भ्रामक विज्ञापनों, जो लोगों और उपभोक्ताओं के हित के खिलाफ हैं तथा एक वर्ग के रूप में उपभोक्ताओं के अधिकारों को बढ़ावा देने, उनकी सुरक्षा करने और उन्हें लागू करने से संबंधित मामलों को विनियमित करने के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 10 के तहत 24 जुलाई, 2020 को स्थापित किया गया है। यह उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन की जांच कर सकता है और शिकायत/अभियोजन दर्ज कर सकता है, असुरक्षित वस्तुओं और सेवाओं को वापस लेने का आदेश दे सकता है, अनुचित व्यापार प्रथाओं और भ्रामक विज्ञापनों को रोकने का आदेश दे सकता है तथा भ्रामक विज्ञापनों के निर्माताओं/सिफारिश करने वालों/प्रकाशकों पर जुर्माना लगा सकता है।                    


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