15वें वित्त आयोग द्वारा उत्तराखण्ड को कुल 89,845 करोड़ रूपए की संस्तुति
47,234 करोड़ रूपए केन्द्रीय करों में राज्य का हिस्सा और 28,147 करोङ रूपए का रेवेन्यू डेफिसिट ग्रान्ट
संवाददाता
देहरादून। 15वें वित्त आयोग द्वारा उत्तराखण्ड को कुल 89,845 करोड़ रूपए की संस्तुति की गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण, 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह और आयोग के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि इससे उत्तराखण्ड को विकास योजनाएं संचालित करने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएमजीएसवाई में बड़ी राशि मिलने से सड़कों से वंचित रह गये गांवों को सड़कों से जोड़ा जा सकेगा। आपदा प्रबंधन में भी पर्याप्त धनराशि की संस्तुति की गई है। निश्चित रूप से इससे राज्य में आपदा प्रबंधन को और मजबूत करने में सहायता मिलेगी। राज्य में पंचायती राज संस्थाओं के सुदृढ़ीकरण में भी मदद मिलेगी।
गौरतलब है कि 15वें वित्त आयोग द्वारा उत्तराखण्ड को कुल 89,845 करोड़ रूपए की संस्तुति की गई है। इसमें 47,234 करोड़ रूपए की राशि केन्द्रीय करों में राज्य का हिस्सा है। केंद्रीय करों में राज्य के हिस्से में 1.1 प्रतिशत की वृद्वि हुई है। उत्तराखंड को 28,147 करोड़ रूपए का रेवेन्यू डेपिफसिट ग्रान्ट की संस्तुति की गई है। उत्तराखण्ड को पूर्व में 5176 करोड़ रूपए की रेवेन्यू डेफिसिट ग्रान्ट मिल चुकी है। अभी संस्तुति की गई 28147 करोड़ रूपए की राशि उसके अतिरिक्त है।
इसी प्रकार आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य होने के कारण उत्तराखण्ड को आपदा प्रबंधन में 5178 करोड़ रूपए की संस्तुति की गई है। पीएमजीएसवाई में 2322 करोड़ रूपए की राशि की संस्तुति की गई है। पीएमजीएसवाई में असम के बाद उत्तराखण्ड को सर्वाधिक राशि स्वीकृत की गई है।
इसके अतिरिक्त 15 वें वित्त आयोग द्वारा लोकल गवर्नमेंट में 4181 करोड़ रूपए, हेल्थ में 728 करोड़ रूपए, सांख्यिकी में 25 करोड़ रूपए, ज्यूडिसियरी में 70 करोड़ रूपए, उच्च शिक्षा में 83 करोड़ रूपए, कृषि में 277 करोड़ रूपए, स्टेट स्पेसिफिक में 1600 करोड़ रूपए राशि की संस्तुति की गई है। इस प्रकार कुल 42611 करोड़ रूपए की ग्रांट इन एड की संस्तुति की गई है जिसमें रेवेन्यू डेफिसिट ग्रान्ट 28147 करोड़ रूपए शामिल है।
कुल ग्रांट इन एड में केन्द्रीय करों में राज्य के हिस्से को जोङने पर 15वें वित्त आयोग द्वारा संस्तुति की गई कुल राशि 89845 करोड़ रूपए होती है।
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