मंगलवार, 23 फ़रवरी 2021

कांग्रेस पार्टी में कलह का रायता फैला रहे हरदा!

 भाजपा से टकराने की बजाय अपनों को आंख दिखते, निशाना साध रहे रावत

कांग्रेस पार्टी में कलह का रायता फैला रहे हरदा!



प0नि0ब्यूरो

देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस में अंदरखाने कलह चरम पर पहुंच गया है। और यह रायता फैलाने का काम खुद पूर्व सीएम हरीश रावत यानि हरदा कर रहें है। ऐसा हम नहीं बल्कि प्रदेश की राजनीति की नब्ज को पकड़ने वाले विश्लेषक कह रहें है। उनकी मानें तो कांग्रेस को आगामी विधानसभा चुनावों में इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते है। क्योंकि आगामी चुनावों में एक तरफ भाजपा मोदी लहर में सवार रहने वाली है तो वहीं कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए आम आदमी पार्टी तैयार बैठी है। 

बहुत से राजनीतिज्ञ इस बात को भी कह रहें है कि उत्तराखंड़ में यदि आप का सिक्का जम गया तो कांग्रेस बिहार की लोजपा की तरह वोट कटूवा की भूमिका में हो सकती है। माना जा रहा है कि आम आदमी पार्टी के प्रदेश में आने से सर्वाध्कि नुकसान कांग्रेस पार्टी को ही होने वाला है। क्योंकि भाजपा का कैडर वोट लक्ष्य से दांये बायें नहीं होने वाला जबकि कांग्रेस के पास कैडर वोट का नाम नहीं बचा। वहीं आप पार्टी और कांग्रेस में वोटों के बंटवारे के बाद भाजपा को फायदा मिलना तय माना जा रहा है। 

हरदा को लगता है कि आज भी उनका चेहरा कांग्रेस को प्रदेश में जीत दिलाने का जरिया हो सकता है। इसलिए बकायदा नियोजित तरीके से हरदा कभी खुद तो कभी अपने समर्थकों के द्वारा रायता फैलाते रहते है। इस तरह से वे कांग्रेस आलाकमान पर दबाव बनाकर अपने पक्ष में निर्णय करवाना चाहते है। हालांकि इससे उल्टा हो रहा है। आलाकमान पर दबाव बने न बने पर कांग्रेस की कलह जरूर सतह पर आ गई है।

इसके बाद जाहिर तौर पर कांग्रेस पार्टी में रायता फैलना शुरू हो गया है। जबकि प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावोें में आम आदमी पार्टी की दस्तक से कांग्रेस के लिए सिरदर्द होना तय है। ऐसे में यदि कांग्रेस में एकजुटता नहीं रही तो पार्टी को भारी नुकसान हो सकता है। इस समीकरण को स्थानीय क्षत्रप तो समझ रहें है लेकिन यह बात कांग्रेस के आलाकमान को समझ नहीं आ रही है।

पिफलहाल कांग्रेस में तीन मुख्य ध्रूवों में बंटे कार्यकर्ता दुविधा में है। एक तरफ कांग्रेस की स्थानीय कद्दावर नेता इंदिरा हृदयेश हरदा के सम्मुख चुनौती पेश करती नजर आती है। तो वहीं उत्तराखंड़ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह भी नहीं चाहेंगे कि हरदा कांग्रेस का चेहरा घोषित किए जायें। भले ही हरदा आज की डेट में स्वयं को कांग्रेस के सबसे अधिक स्वीकार्य नेता मानते हो परन्तु उनका कुनबे को साथ लेकर चलने का करिश्मा काम नहीं कर रहा है। आजकल उनकी हालत गरीब की घरवाली की तरह हो गई है, जिसको सभी भाभी कहकर संबोधित करते है।


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