सर्वर क्या होता है कैसे काम करता है
प0नि0डेस्क
देहरादून। सर्वर एक कम्प्यूटर होता है जो दूसरे कम्प्यूटर्स एवं उपभोगकर्ता को सेवा प्रदान करता है। एक ऐसा सिस्टम है जो सूचनाओं को स्टोर रखता है और जरूरत पडने पर सूचनाओं को इंटरनेट के माध्यम से आदान-प्रदान करने एवं डाटा को ट्रान्सफर करने में मदद करता है। अक्सर सुना होगा और सभी यह जानते भी होंगे कि जब कोई व्यक्ति बैंक में जाता है तो कहा जाता है कि अभी कार्य नहीं हो सकता। जब कारण पूछा जाता है तो कहा जाता है कि अभी सर्वर डाउन है।
फेसबुक पर बहुत सारे फोटो एवं यूट्यूब वीडियो ओपन करने पर खुल जाते हैं ये सभी डाटा कहीं न कहीं स्टोर होते है। जो प्ले करने के बाद ओपन हो जाता है और हम उसे आसानी से देख सकते हैं।
ईमेल पत्र भेजने का एक आधुनिक रूप है। आप जीमेल, हाटमेल जैसे ईमेल सर्विस का इस्तेमाल करते होंगे। ये सभी ईमेल अकाउन्ट पर सुरक्षित रहते हैं और कभी भी उन्हें देख सकते हैं। ई-मेल सर्वर मैसेज को भेजने और उसे प्राप्त करने में मदद करता है। साथ ही स्टोरेज डाटा को सेव भी रखता है।
इंटरनेट पर जितनी भी वेबसाइट हैं उन सभी का डाटा वेब सर्वर में स्टोर होता है। इनके लिये होस्ट कंप्यूटर की जरूरत होती है। इसके लिए थोडा सा होस्टिंग का ज्ञान जरूरी है।
आप व्यवसाय करते हैं तो व्यवसाय का माल को रखने के लिए एक दुकान या स्टोर की जरूरत होती है। इसी प्रकार वेबसाइट पर जो भी मेटेरियल रखते हैं जैसे वीडियो, फोटो या टेक्स अर्टिकल। उन सभी को इंटरनेट पर रखने के लिए एक स्टोरेज की जरूरत होती है। एक कम्पयूटर को इंटरनेट से जोड़ा जाता है और उसे 24 घंटे आन रखा जाता है। उस पर सभी सामग्री स्टोर रहती है, उसे होस्ट कंप्यूटर या वेब होस्ट कहते हैं, इस प्रक्रिया को वेब होस्टिंग कहते हैं।
जो कंप्यूटर वेब पेज स्टोर करता है उसे वेब सर्वर कहा जाता है। वेब पेज अन्य व्यक्तियों को दिखने के लिए तभी उपलब्ध है जब वह वेब सर्वर पर हो। वेब सर्वर एक कम्प्यूटर है जो वेबसाइट के डाटा को स्टोर रखता है। यह एक कम्प्यूटर प्रोग्राम भी है जो वेब पेज वितरित भी करता है।
आईडेंटिटी सर्वर रजिस्टर्ड यूजर लागिन करने के लिए एवं उसे सुरक्षित करने के लिए होता है। एफटीपी सर्वर का इस्तेमाल एक कम्प्यूटर से दूसरे कम्प्यूटर के बीच फाइल ट्रान्सफर करने के लिए किया जाता है। इसकी फुल फार्म फाइल ट्रांसफर प्रोटोकाल है एफटीपी पुराना प्रोटोकाल है और इसका इस्तेमाल आज भी किया जा रहा है। इस टेलनेट सर्वर के माध्यम से एक यूजर कम्प्यूटर को लागइन कर काम आसानी से कर सकता है।
अक्सर प्रोक्सी सर्वर का प्रयोग एप्पीयरेंस प्राप्त करने, रिक्वारमेंट को फिल्टर करने तथा कनेक्शन को शेयर आउट करने के लिए किया जाता है। न्यूज सर्वर का उपयोग न्यूज को शेयर तथा डिलीवर करने के लिए किया जाता है। क्योंकि इस तकनीक का प्रयोग विश्व लगभग सभी देशों में ज्यादा मात्रा में किया जाता है।
सर्वर का एकमात्र कार्य चाही गई सूचनाओं को उपलब्ध कराना होता है। जब वह सूचनायें उपलब्ध नहीं करा पाता तो उसके द्वारा सूचना उस समय उपलब्ध न होना सर्वर डाउन कहलाता है। आप किसी कार्य के लिए किसी वेब साइट पर अनुरोध कर रहे हैं तथा वह नहीं हो पा रहा है। ऐसी स्थिति में वेबसाइट पर सर्वर नाट फाउंड लिखा आता है। इसके अतिरिक्त सर्वर डाउन होने के और भी कारण हो सकते हैं जैसे नेटवर्क प्राब्लम, पावर फेलियर, ऐप्लीकेशन क्रेश आदि।
सर्वर किस प्रकार से कार्य करता है, इसको एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं। जैसे हमें किसी भी साइट को खोजने के लिए उस साइट का नाम टाइप करना होता है। इसके तुरंत बाद वह ब्राउजर उस साइट को होस्ट करने वाले सर्वर से सम्पर्क करेगा तथा उस ब्राउजर पर वह वेबसाइट दिखने के लिए रिक्वेस्ट करेगा।
इसी प्रकार ब्राउजर डाले गये यूएलआर को तीन भागों में विभाजित कर देता है। जिसका प्रथम भाग एचटीटीपी होता है जिसे प्रोटोकाल कहा जाता है। दूसरा भाग सर्वर नेम अथवा वेबसाइट का नाम होता है जिसे डोमेन के नाम से भी जानते हैं एवं तीसरा उस फाइल का नाम होता है जिसे ओपन किया गया है। यह कोई पेज या फिर कोई पोस्ट भी हो सकती है। इसके पश्चात ब्राउजर उस वेबसाइट की सारी इन्फार्मेशन को आईपी एडरेस में चेंज कर देता है। प्रत्येक वेबसाइट का अपना अलग आईपी एडरेस होता है जो सभी का अलग-अलग होता है।
आप जिस भी वेबसाइट पर जाना चाहते हैं उसी पर पहुंचते हैं। इसके तुरंत बाद ब्राउजर और सर्वर एक दूसरे से कनेक्ट हो जाते हैं तथा जो भी जानकारी प्राप्त करनी होती है उसे तुरंत उपलब्ध करा दिया जाता है।
किसी भी इंटरनेट वेबसाइट से डाटा को ट्रान्सफर करने के लिए एफटीपी क्लाइंट का इस्तेमाल किया जाता है। इंटरनेट पर काफी मात्रा में प्रफी में एफटीपी क्लाइंट साफ्रटवेयर आसानी से प्राप्त हो जाते हैं। सर्वर के आईपी ऐडरेस के माध्यम से सर्वर से कनेक्शन करने के उपरान्त इसका उपयोग कर डाटा को बहुत आसानी से ट्रान्सफर कराया जा सकता है।
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