शनिवार, 27 मार्च 2021

धूप से बचाने वाली सनस्क्रीन बच्चों के लिए हानिकारक

 धूप से बचाने वाली सनस्क्रीन बच्चों के लिए हानिकारक



गर्मी के दिनों बच्चों के लिए धूप बहुत नुकसानदायक होती है

प0नि0डेस्क

देहरादून। गर्मी का मौसम बस आ ही गया है और अब तेज धूप स्किन को जलाना शुरू कर देगी। धूप से त्वचा को बचाने के लिए घर से बाहर निकलने से पहले सनस्क्रीन लगाने की सलाह दी जाती है। बच्चों के लिए भी सनस्क्रीन की कई वैरायटियां आती हैं। हालांकि इनमें केमिकल्स होते हैं जो बच्चे की स्किन के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं होते हैं। सनस्क्रीन में कई ऐसे इंग्रेडिएंट्स होते हैं जो बच्चों के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

सनस्क्रीन में इस्तेमाल होने वाले कुछ इंग्रेडिएंट्स जो बच्चों के लिए ठीक नहीं होते हैं।

आक्सीबेनजोनः हर सनस्क्रीन में यह केमिकल जरूर होता है। बाडी में यह इंग्रेडिएंट काफी जल्दी एब्जार्ब हो जाता है। इसकी वजह से कई तरह की स्किन प्राब्लम्स हो सकती हैं। इससे बच्चों में एक्जिमा की परेशानी हो सकती है। यह इंग्रेडिएंट हार्माेनल असंतुलन और एंडोक्राइन सिस्टम को भी प्रभावित कर सकता है।

आक्टिनाक्सेटः बच्चों की स्किन बहुत नाजुक होती है और सनस्क्रीन में मौजूद आक्टिनाक्सेट नामक केमिकल नुकसानदायक साबित हो सकता है। आक्टिनाक्सेट से प्रफी रेडिकल्स निकलते हैं जिनका स्किन और कोशिकाओं पर गलत असर पड़ता है। यह प्रभाव लंबे समय तक रहता है। इससे बच्चे में हार्मोंस का लेवल भी बिगड़ सकता है।

रेटिनाइल पामिटेट और होमोसोलेटः यह केमिकल डीएनए को प्रभावित कर सकता है और इसकी वजह से स्किन में ट्यूमर और कैंसर बन सकता है। जब भी बच्चे के लिए सनस्क्रीन खरीदें, तो इस इंग्रेडिएंट को जरूर चैक कर लें।

सनस्क्रीन में मौजूद पैराबेन पिजर्वेटिव, आक्टोक्रिलीन, नैनो पार्टिकल, मिथाइलिसोथियाजोलिनोन और सिनाक्सेट भी बच्चे के लिए हानिकारक होते हैं। बच्चों के सनस्क्रीन में इस तरह के इंग्रेडिएंट्स हों, तो उसे न खरीदें।

जरनल आफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन में प्रकाशित एक स्टडी में पाया गया कि सनस्क्रीन में कुछ केमिकल्स होते हैं जिन्हें रक्त वाहिकाएं आसानी से सोख लेती हैं जो सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। हालांकि शोधकर्ताओं का कहना है कि अभी इस दिशा में और रिसर्च किए जाने की जरूरत है।

एनसीबीबाई के अनुसार बच्चों के सनस्क्रीन में आक्सीबेंजोन और आक्टोक्रिलिन नहीं होना चाहिए। सनस्क्रीन लगाने के साथ ही बच्चों को दिन के समय धूप में निकलने से बचना चाहिए और शरीर को ढक कर ही बाहर जाना चाहिए।

अमेरिकन एकेडमी आपफ पीडियाट्रिक्स का कहना है कि 6 महीने से कम उम्र के शिशु के लिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इन बच्चों को धूप में ढक कर रखना चाहिए और सूर्य की यूवी किरणों के सीधे संपर्क में लाने से बचना चाहिए।

आप दो साल से अधिक उम्र के बच्चे को सनस्क्रीन लगा सकते हैं। हालांकि स्किन पर सनस्क्रीन लगाने से पहले उसका टेस्ट जरूर कर लें। केमिकल सनस्क्रीन से बच्चे को एलर्जी हो सकती है इसलिए कोई भी नया प्रोडक्ट प्रयोग करने से पहले बच्चे के हाथ पर थोड़े-से हिस्से पर सनस्क्रीन लगाकर देखें। अगर इसका कोई एलर्जिक रिएक्शन नहीं होता है तो यह बच्चे के लिए सेफ है।


अब लिंक का इंतजार कैसा? आप सीधे parvatiyanishant.page पर क्लिक कर खबरों एवं लेखों का आनंद ले सकते है।


माईगव हेल्पडेस्क पर डिजिलाकर सेवाओं का उपयोग

  माईगव हेल्पडेस्क पर डिजिलाकर सेवाओं का उपयोग व्हाट्सएप उपयोगकर्ता $91 9013151515 पर केवल नमस्ते या हाय या डिजिलाकर भेजकर कर सकते है चैटबाट...