बुधवार, 21 अप्रैल 2021

सड़क के किनारे लगे पत्थर पर बने रंगीन पट्टियों का मतलब!

 सड़क के किनारे लगे पत्थर पर बने रंगीन पट्टियों का मतलब!



सड़क के किनारे लगे मील के पत्थर पर अलग-अलग रंग की पट्टियां का होता है खास मकसद 

प0नि0डेस्क

देहरादून। हम आमतौर पर रोज आफिस जाने के लिए या किसी अन्य काम से सड़क पर होते हैं। सड़क के किनारे लगे मील के पत्थर पर अलग-अलग रंग की पट्टियां होती हैं।

अपनी मंजिल की दूरी जानने के लिए मील के पत्थर पर नजर दौड़ाते हैं और चलते जाते हैं। सड़क के किनारे दिखने वाले मील के पत्थर पर अलग-अलग रंग की पट्टियों का मतलब क्या है? 

नारंगी रंग की पट्टियांः कई बार असड़क के किनारे लगे मील के पत्थर पर नारंगी रंग की पट्टियां दिखाई देती हैं। इन पट्टियों को देखकर समझ सकते हैं कि हम ग्रामीण सड़क पर हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, जवाहर रोजगार योजना और अन्य स्कीम के जरिए गांवों में बनने वाली सड़कों के किनारे लगे मील के पत्थर में नारंगी रंग की पट्टियां होती हैं। भारत में ग्रामीण सड़कों का जाल करीब 3.93 लाख किलोमीटर का है।

पीली पट्टियांः पीले रंग की पट्टियों का मतलब हुआ कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर यात्रा कर रहे हैं। एक शहर से दूसरे शहर या एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए जब एनएच से यात्रा करते है तो अक्सर मील के पत्थर पर पीली पट्टियां दिखती है। हाल ही में जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक भारत में राष्ट्रीय राजमार्ग 1 लाख 51 हजार 19 किलोमीटर है।

नीली या काली पट्टियांः अगर सड़क किनारे लगे मील के पत्थर पर नीली, काली या सफेद पट्टियां दिखें तो समझ जाइए कि शहरी या जिला रोड पर हैं। भारत में इस तरह की सड़कों का नेटवर्क 5 लाख 61 हजार 940 किलोमीटर का है।

हरी पट्टियांः स्टेट हाईवे के किनारे लगे मील के पत्थर पर हरी पट्टियां होती हैं। ये सड़कें राज्य के अलग-अलग शहरों को एक दूसरे से जोड़ती हैं। 2016 के आंकड़ों के मुताबिक भारत में स्टेट हाईवे का नेटवर्क 1 लाख 76 हजार 166 किलोमीटर में फैला हुआ है।


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