बुधवार, 12 मई 2021

अरमान

अरमान




- चेतन सिंह खड़का


कल दुनिया में हम रहें न रहें, याद बनके पास आ जायेंगे।

ये हंसी और ये थिरकते कदम, एक दिन तुमको रूला जायेंगे।।

कल दुनिया में हम।।


अरमानों में जीवन कफन की तरह, मौत की आग से जला जायेंगे।

लाश से राख बनना ही नसीब, जलेंगे और जलकर बुझ जायेंगे।।

चिराग गम का जलता हुआ, दिखेगा तो हम कहां जायेंगे?

याद बनके पास आ जायेंगे। कल दुनिया में हम।।


चाहत नहीं हमपे रोये कोई, पर रोने वाले कब मान जायेंगे।

उन्हें रोकने का मुझे हक नहीें, बाकी रश्में वही निभा जायेंगे।।

आरजू किसको जुदा होने की, मौत के बहाने बिछड़ जायेंगे।

याद बनके पास आ जायेंगे। कल दुनिया में हम।।


दूर रहना हमारी बेबसी कहो, ख्यालों में लेकिन डूबा जायेंगे।

इस बात का तुमको खौफ क्यों, कि तस्वीर बनकर रह जायेंगे।।

यों सांसों की गर्मी ना महसूस हो, आंखों के अश्क तो बन जायेंगे।

याद बनके पास आ जायेंगे। कल दुनिया में हम।।


दिल लगाने से हमें बैर है, लेकिन मोहब्बत कर जायेंगे।

खुद को जहां से मिटाकर सही, मौत को गले लगा जायेंगे।।

बेवफा का नाम ना देगा कोई, वफा ऐसी ही कर जायेंगे।

याद बनके पास आ जायेंगे। कल दुनिया में हम।।


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