शुक्रवार, 14 मई 2021

लाकडाउन के अलावा अब कौन सा विकल्प शेष है!

 लगातार बढ़ते संक्रमण और मौतों के आंकड़ों के बीच प्रदेश सरकार दुविधा में क्यों?

लाकडाउन के अलावा अब कौन सा विकल्प शेष है!



प0नि0ब्यूरो

देहरादून। प्रदेश में तमाम तरह के उपाय के बाद भी न संक्रमण की संख्या में कोई कमी आयी और न कोरोना महामारी से मरने वालों के आंकड़े कम हुए। ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि सरकार सख्त कदम उठाते हुए लाकडाउन लगाने की घोषणा करेंगी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी था कि लगातार बढ़ते संक्रमण और मौतों के आंकड़ों के बाद भी प्रदेश सरकार आखिर किस दुविध में है जोकि उसे लाकडाउन लगाने से रोक रहीं है।

तमाम तरह के उपायों के बावजूद जब प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दरों में कमी नहीं आ रही और इस महामारी से होने वाली मौतों के आंकड़े भी नित नया रिकार्ड बना रहें है। ऐसे में भला लाकडाउन के अलावा अब प्रदेश सरकार के पास कौन सा विकल्प शेष बचा है। लेकिन यह समय रहते नहीं लगाया गया तो निश्चित जानिये कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर कहर बनकर टूट सकती है। विश्व के तमाम विशेषज्ञ इसकी चेतावनी भी दे रहें है। फिलहाल दूसरी लहर झेलना ही कठिन होता जा रहा है तो तीसरी लहर कितनी विनाशकारी हो सकती है, इसका आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है। 

इसके बावजूद प्रदेश सरकार सख्त फैसले लेने की बजाय, ढ़िलाई बरत रही है। इससे सवाल उठता है कि आखिर लाकडाउन लगाने में प्रदेश सरकार को किसका इंतजार है? जबकि रोजाना प्रदेश में संक्रमण एवं कोरोना महामारी से होने वाली मौतों के आंकड़े नये रिकार्ड बना रहें है। ऐसे में सख्ती बरतने की बजाय हिलहवाली करने को कैसे जायज ठहराया जा सकता है। अब भी देरी की तो हजारों लोगों को मौत के आगोश में जाने से नहीं रोका जा सकेगा।

लेकिन जनहित के लिए लाकडाउन न लगाकर प्रदेश सरकार को जाने कैसे दुविधा है यह समझ से परे की बात है। एक तरफ तो राज्य में पर्याप्त रूप से स्वास्थ्य सुविध का अभाव है। वहीं डाक्टर एवं दवाओं का टोटा भी किसी से छिपा नहीं है। ऐसे हालात में प्रदेश की जनता को जोखिम में नहीं डाला जा सकता है। 

देश भर में कोरोना की दूसरी लहर ने कहर बरपा रखा है। आक्सीजन और रेमडिसिवर जैसी दवा की पूरे देश में कमी महसूस की जा रही है। इन हालात में एकमात्र रास्ता यहीं बचता है कि प्रदेशवासियों को अधिक से अधिक टीकाकरण कराया जाये ताकि कोरोना महामारी से होने वाले नुकसान को कमतर किया जा सके। जबकि फिलहाल यह संभव नही लगता क्योंकि अभी भी राज्य में 45 से उपर की उम्र के लोगों को पूरी तरह से वैक्सीन नहीं दी जा सकी है। 

ऐसे में समूचे राज्य में हर उम्र वर्ग के लोगों को वैक्सीन देना संभव नहीं है। इसके लिए प्रदेश सरकार को चाहिये कि राज्य में जब तक वैक्सीनेशन का कार्य पूरा नहीं होता, तब तक राज्य में लाकडाउन जैसे सख्त कदमों का प्रयोग करे ताकि कोरोना महामारी के संक्रमण की चैन टूटे और प्रदेश में संक्रमण की दर में भी कमी आये। यह काम टीकाकरण का कार्य पूरा होने तक किया जाना चाहिये।


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