महिला समूहों को एनआरएलएम ने स्टार्ट अप फंड क्यों नहीं दियाः मोर्चा
- प्रदेश में 31657 समूहों के सापेक्ष अब तक दिया गया 12351 को स्टार्ट-अप फंड
- सीआईएफ के मामले में भी मात्र 40 फीसदी दिया गया फंड
- वीआरएफ के मामले में मिशन को काम करने की जरूरत
संवाददाता
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं की आर्थिकी एवं उनके रोजगार को लेकर चलाए जा रहे रहे मिशन के तहत वर्ष 2015-16 तक पंजीकृत 31657 स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के सापेक्ष मात्र 12,351 एसएचजी को लगभग 1.72 करोड़ स्टार्टअप फंड दिया गया यानी मात्र 40 फीसदी बहनों को ही इस योजना के तहत लाभ मिला।
इसी प्रकार कम्युनिटी इन्वेस्टमेंट फंड (सीआईएफ) के तहत मात्र 13,711 समूह को 68.80 करोड़ जारी किया गया, जोकि लगभग 40 फीसदी के आसपास है। रिवाल्विंग फंड (आरएफ) के मामले में 28,687 समूहों को लगभग 29.12 करोड जारी किए गए, जोकि लगभग 90 फीसदी है, सराहनीय है।
वूलनेरेबिलिटी रिडक्शन फंड (वीआरएफ) के मामले में मिशन द्वारा लाभ नहीं दिया गया, जबकि महामारी के समय काफी काम करने की जरूरत थी, जोकि संजीवनी साबित हो सकती थी। नेगी ने कहा कि मिशन द्वारा वर्ष 2015-16 से 2020-21 तक 187. 21 करोड़ खर्च किया गया। मोर्चा सरकार से मांग करता है कि समूहों से जुड़ी बहनों को स्टार्ट अप फंड, सीआईएफ व वीआरएफ जारी करने के निर्देश दे।
पत्रकार वार्ता में मो0 असद व प्रवीण शर्मा पिन्नी शामिल थे।
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