शुक्रवार, 23 जुलाई 2021

यूपीजेई एसोसिएशन के सेवानिवृत्त प्रकोष्ठ की बैठक आयोजित

 यूपीजेई एसोसिएशन के सेवानिवृत्त प्रकोष्ठ की बैठक आयोजित



सेवानिवृत सदस्यों की विभिन्न समस्याओं पर गम्भीर विचार विमर्श 

संवाददाता

देहरादून। उत्तराखण्ड पावर जूनियर इंजीनियर्स एसोसिएशन के सेवानिवृत्त प्रकोष्ठ की एक बैठक एसोसिएशन के केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित की गयी। सभा की अध्यक्षता एसोसिएशन के आजीवन संरक्षक एवं सेवानिवृत्त प्रकोष्ठ के अध्यक्ष ईं0 जी0एन0 कोठियाल ने की। सभा में देहरादून, रूडकी एवं हरिद्वार के पदाधिकारियों एवं वरिष्ठ सदस्यों ने प्रतिभाग किया। 

सभा में सेवानिवृत सदस्यों की विभिन्न समस्याओं पर गम्भीर विचार विमर्श किया गया। एसोसिएशन के सेवानिवृत्त प्रकोष्ठ की अन्तरंग बैठक के बाद पदाधिकारियों ने उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन लि0 के निदेशक (मा0सं0) से उनके कार्यालय में मुलाकात की तथा सेवानिवृत्त कार्मिकों की विभिन्न समस्याओं के निराकरण हेतु विस्तृत चर्चा की। निदेशक (मा0सं0) ने समस्याओं पर सकारात्मक समाधन हेतु पदाध्किारियों को आश्वस्त किया। जिनमें से कुछ समस्याओं का विवरण निम्न प्रकार है-

उत्तराखण्ड सरकार के शासनादेश संख्या-1212-1(2) 2020-06(02) 15/2015 दिनांक 01.10.2020 द्वारा शासनादेश संख्या-205(ग्ग्टप्प्(10)2018.27(8)2017 दिनांक 15.10.2018 के द्वारा 31.12.2015 तक सेवानिवृत्त/दिवंगत कार्मिकों को एक रैंक एक पेंशन की स्वीकृति प्रदान की गयी थी किन्तु अधिकांश सेवानिवृत्त अवर अभियन्ताओं/दिवंगत अभियन्ताओं के आश्रितों को इसका लाभ आज तक नहीं मिल पाया है। 

सेवानिवृत्त प्रकोष्ठ के व्यक्तिगत प्रयासों के बावजूद भी खण्ड कार्यालयों से पेंशन पुनरीक्षण प्रकरण ऊर्जा भवन नहीं भेजे जा रहे हैं और यदि भेजे भी जाते हैं तो वे भी आधे-अधूरे भेजे जाते हैं, जिनका खामियाजा सेवानिवृत्त अवर अभियन्ताओं/दिवंगत अवर अभियन्ताओं के आश्रितों को भुगतना पड रहा है। जीवन की अन्तिम अवस्था में ये वृद्व किस किस के दरवाजे पर दस्तक देने जायंे? आदेश निर्गत होने के चार वर्ष उपरान्त भी पुनरीक्षित पेंशन का भुगतान न हो पाना अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है।

कारपोरेशन के आदेशानुसार प्रत्येक सेवारत, सेवानिवृत्त/पारिवारिक पेंशनर्स को प्रतिमाह निर्धारित विद्युत नियत शुल्क (फिक्स चार्ज) जमा करने हैं जो कि सेवारत कार्मिकों के वेतन से काट कर जमा हो रहा है तथा सेवानिवृत्त कार्मिकों को स्वयं उपखण्ड कार्यालय जाकर प्रतिमाह जमा करना पडता है। जबकि पूर्व की व्यवस्था के अनुसार सेवानिवृŸा कार्मिकों का मासिक विद्युत नियत शुल्क को चिकित्सा भत्ते से काट लिया जाता था जो कि उचित और सुविधाजनक था क्योंकि इस व्यवस्था के अन्तर्गत माह की प्रथम तिथि को निगम के खाते में एकमुश्त धनराशि आ जाती थी। नयी व्यवस्था के अनुसार कभी कभी कई माह तक भी विद्युत नियत शुल्क जमा नहीं हो पाता है। वृद्वावस्था में सेवानिवृत्त कार्मिकों को आने-जाने में परेशानी का सामना करना पडता है तथा वाहन चलाने में भी परेशानी होती है।

अतः समस्या के समाधान हेतु निगम की पूर्व व्यवस्था के अनुसार सेवानिवृत्त कार्मिकों के मासिक विद्युत फिक्स चार्जेज को उनके मेडिकल एलाउंस से काटकर समायोजित कराने की व्यवस्था को पुनः बहाल करने के लिए निवेदन किया गया।

सभा में ईं0 कर्णसिंह संरक्षक, ईं0 आर0के0 जैन वरिष्ठ उपाध्यक्ष, ईं0 डी0एस0 गौड उपाध्यक्ष, ईं0 एस0के0 जैन सचिव, ईं0 एम0एम0 लाल वित्त सचिव, ईं0 ऐ0के0 स्वामी एवं ईं0 सतीश अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।


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