बुधवार, 11 अगस्त 2021

आंदोलनकारी आरक्षण की जगी आस, पत्रावली पहुंची राजभवन के पास: मोर्चा

 आंदोलनकारी आरक्षण की जगी आस, पत्रावली पहुंची राजभवन के पास: मोर्चा     


  
          

- राज्य आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण का है मामला              
- मोर्चा ने मुख्यमंत्री से की थी पत्रावली को राजभवन भेजने की मांग                        
- गृह विभाग ने भेजा था पत्र  विधाई एवं संसदीय कार्य विभाग को   
संवाददाता
विकासनगर। पत्रकारों से वार्ता करते हुए जन संघर्ष  मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों को 10 फ़ीसदी क्षैतिज आरक्षण प्रदान किए जाने संबंधी  विधेयक तत्कालीन हरीश रावत सरकार ने पास किया था, जोकि लगभग 5-6 साल से राजभवन में लंबित है। उक्त के मामले में मोर्चा द्वारा अप्रैल 2021 को मुख्यमंत्री ( वर्तमान में तत्कालीन) से आग्रह कर पत्रावली पुनः राजभवन को स्वीकृति प्रदान किए जाने हेतु प्रेषित करने का आग्रह किया गया था। उक्त के क्रम में मुख्यमंत्री कार्यालय से पत्र गृह विभाग को कार्रवाई हेतु हेतु प्रेषित किया गया तथा जून 2021 को पत्र गृह विभाग द्वारा विधाई एवं संसदीय कार्य विभाग को कार्रवाई हेतु प्रेषित किया गया था। विधाई एवं संसदीय कार्य विभाग ने दो-चार दिन पहले ही अवगत कराया कि पत्रावली राजभवन को प्रेषित की जा चुकी है।                               
नेगी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा राज्य आंदोलनकारियों के हक में विधेयक लाया गया था तथा स्वीकृति हेतु राजभवन को भेजा गया था, लेकिन दो- तीन बार आग्रह करने के बावजूद भी राजभवन द्वारा न तो कोई कार्रवाई की गई और न ही विधेयक को वापस किया गया था। विधेयक को स्वीकृति प्रदान कराए जाने को लेकर मोर्चा द्वारा पूर्व में भी काफी प्रयास किया गया था। राज्य आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण का लाभ न मिलने से उनका हक मारा जा रहा था। मोर्चा ने राज्य आंदोलनकारियों को आरक्षण मिलने की उम्मीद जताई । पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश प पंवार व सुशील भारद्वाज थे।

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