सोमवार, 20 सितंबर 2021

असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के बीच ई-श्रम पोर्टल के बारे में जागरूकता बढ़ाने का आह्वान

 असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के बीच ई-श्रम पोर्टल के बारे में जागरूकता बढ़ाने का आह्वान



श्रम और रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने ट्रेड यूनियनों से किया अपना पूर्ण समर्थन देने का आह्वान

एजेंसी

नई दिल्ली। श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली एवं मुख्य श्रम आयुक्त (केंद्रीय) डीपीएस नेगी ने आईआईआईटी-डी जबलपुर में असंगठित क्षेत्रों के श्रमिकों और मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत की। उन्होंने असंगठित क्षेत्र के मजदूरों, बीएमएस ट्रेड यूनियनों और मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने के लिए हाल ही में लान्च किए गए ई-श्रम पोर्टल की विशेषताओं और लाभों के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए चर्चा की।

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने एनआईसी के तकनीकी सहयोग से आधार के साथ जुड़े असंगठित कामगारों (एनडीयूडब्ल्यू) के व्यापक राष्ट्रीय डेटाबेस के निर्माण के लिए असंगठित श्रमिकों के आनलाइन पंजीकरण के लिए एक ई-श्रम पोर्टल विकसित किया है। यह गेम चेंजर पहल 26 अगस्त को केंद्रीय श्रम एवं रोजगार तथा पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव द्वारा राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के लिए शुरू की गई और सौंपी गई। 

कार्यक्रम में सीएससी के 15 कैम्प लगाए गए जिनमें निरंतर पंजीयन की प्रक्रिया सुचारु रूप से चलती रही। कार्यक्रम के दौरान श्रमिकों को मंत्री द्वारा ई-श्रम कार्ड, कोविड-19 राहत योजना, अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना एवं बीड़ी श्रमिक कार्ड का वितरण किया गया। कार्यक्रम के दौरान श्रमिक पोर्टल की जानकारी दी गयी जैसे निःशुल्क पंजीयन, श्रमिकों की सहायता के लिए 9 भाषाओं में टोल प्रफी नम्बर 14434 की व्यवस्था आदि। जानकारी प्रदान की गई कि मात्र 26 दिनों में पोर्टल पर लगभग 1 करोड़ पंजीयन किए जा चुके है। मंत्री ने मीडिया पत्रकारों से अपील की कि वे इस पोर्टल की जानकारी को प्रदेश के कोने कोने में पहुंचाये।

तेली ने ट्रेड यूनियन नेताओं से राज्य में असंगठित कामगारों के पोर्टल पंजीकरण को सुगम बनाने में अपना पूरा सहयोग देने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के कल्याण के लिए सरकार द्वारा उठाए गए एक अभूतपूर्व कदम के तहत ई-श्रम पोर्टल देश में 38 करोड़ से अधिक असंगठित कामगारों को मुफ्रत पंजीकरण प्रदान करेगा और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के वितरण में सहायता करेगा। यह पोर्टल निर्माण श्रमिकों, प्रवासी श्रमिकों, गिग और प्लेटफार्म श्रमिकों, स्ट्रीट वेंडरों, घरेलू कामगारों, कृषि श्रमिकों, दूधियों, मछुआरों, ट्रक चालकों आदि सहित सभी असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को पूरा सहयोग करेगा। 

उन्होंने आगे कहा कि प्रत्येक पंजीकृत श्रमिक को एक ई-श्रम कार्ड दिया जाएगा। अद्वितीय यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) के साथ जो उन्हें देश भर में इस कार्ड के माध्यम से विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लाभों तक पहुंचने की अनुमति देगा और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के वितरण में सहायता करेगा।

ई-श्रम में पंजीकरण प्रक्रिया बहुत सरल है और पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज हैं आधार कार्ड, आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर, बैंक खाता विवरण। पंजीकरण असंगठित श्रमिक स्वयं या कामन सर्विस सेंटर के माध्यम से या जिलों और उप-जिलों में राज्य सरकार के क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा किया जा सकता है। सही समय पर और सही जगह पर सहायता प्राप्त करने के लिए प्रवासी श्रमिक पोर्टल में अपना पता और स्थान भी अपडेट कर सकते हैं। 

यह कोविड-19 महामारी, असंगठित श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के एकीकरण, कौशल विकसित करने और रोजगार के अवसर खोजने में मदद करने जैसी आपदा स्थितियों में डीबीटी के माध्यम से श्रमिकों के बैंक खाते में सीधे सहायता राशि स्थानांतरित करने में सक्षम होगा। अब श्रमिकों को समय-समय पर पंजीकरण के लिए जाने की आवश्यकता नहीं होगी। यह एपीआई के माध्यम से पंजीकृत असंगठित श्रमिकों के कल्याण के बारे में विभिन्न हितधारकों (मंत्रालयों/विभागों/बोर्डों/एजेंसियों/केंद्र और राज्य सरकार के संगठनों) के साथ जानकारी साझा करने की सुविधा प्रदान करेगा।

तेली ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि डेटाबेस की केंद्रीयकृत प्रकृति निर्माण श्रमिकों और प्रवासी श्रमिकों जैसे श्रमिकों के लिए आवश्यक सामाजिक सुरक्षा और कल्याणकारी लाभों की पोर्टेबिलिटी में निर्माण करके देश भर में लाभों की पहुंच सुनिश्चित करेगी। इसके अलावा ई-श्रम पोर्टल पर प्रत्येक पंजीकृत असंगठित कामगार के लिए 2.0 लाख रुपये के दुर्घटना बीमा कवर का भी प्रावधान है। यदि कोई कर्मचारी ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत है और दुर्घटना का शिकार होता है, तो वह मृत्यु या स्थायी विकलांगता पर 2.0 लाख रुपये और आंशिक विकलांगता पर 1.0 लाख रुपये के लिए पात्र होगा।

मीडियाकर्मियों और ट्रेड यूनियनों के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने असंगठित श्रमिकों के इस डेटाबेस को बनाने में राज्य सरकारों की भूमिका को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के पास अपना डेटा होगा और राज्य/केंद्रशासित प्रदेश सरकारें मुख्य रूप से अपने संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को ई-श्रम पोर्टल पर संगठित और पंजीकृत करेंगी और इस डेटा का उपयोग राज्य/केंद्रशासित प्रदेश सरकारों द्वारा असंगठित कामगारों को पात्राता के अनुसार विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ वितरण के लिए किया जा सकता है।


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